ऑटोमेटिक व्हीलचेयर देकर "उम्मीद फाउंडेशन" ने संवारी दिव्यांग दिवांशु की उम्मीदें
ऑटोमेटिक व्हीलचेयर देकर "उम्मीद फाउंडेशन" ने संवारी दिव्यांग दिवांशु की उम्मीदें
समाजसेवा की नई मिसाल कायम कर रही उम्मीद फाउंडेशन - अशोक कालड़ा
बराड़ा, (जयबीर राणा थंबड़)।
एक निहायत ही जरूरतमंद दिव्यांग बच्चे की उम्मीदों को उम्मीद फाउंडेशन ने संवारा। दोनों पैरों और एक हाथ से दिव्यांग यह बच्चा अपनी जरूरी दिनचर्या के लिए पूरी तरह से दूसरों पर आश्रित था, जिसे आज उम्मीद फाउंडेशन के प्रधान मनप्रीत सिंह ने पवित्र दास व अन्य साथियों के सहयोग से एक ऑटोमेटिक व्हीलचेयर उपलब्ध कराकर दिव्यांग दिवांशु को नई जिंदगी देने की पहल की है। उम्मीद फाउंडेशन के प्रधान मनप्रीत सिंह और पवित्र दास ने बताया कि कुछ दिनों पहले संस्था को इस दिव्यांग बच्चे के बारे में पता चला और उन्होंने उसकी शारीरिक दुर्बलता को अनुभव करते हुए अपने सभी साथियों से इस बच्चे के लिए एक ऑटोमेटिक व्हीलचेयर उपलब्ध कराने की अपील की। उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की कि कुछ समय के अंतराल पर ही उम्मीद फाउंडेशन की बाहर बैठे सदस्य नितिन ढींगरा, शेर सिंह, सनी पंजाबी, गुरदीप सिंह, गुरदीप सिंह, मोंटी यूएसए, कुदरत बेनीवाल और मुंबई से नीलम ठाकुर ने  इस बच्चे के लिए ऑटोमेटिक व्हीलचेयर का इंतजाम किया, जिसे आज इस बच्चे के सौंप दिया है। मनप्रीत सिंह ने कहा कि बहुत अच्छा लगता है जब हम किसी की जिंदगी बदल देते हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांशु बहुत ही प्रतिभावान बच्चा है और उन्होंने उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक अशोक कालड़ा ने कहा कि उम्मीद फाउंडेशन समाजसेवा के लिए नई मिसाल पेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा लगता है जब हमारे साथी समाज के उन‌ लोगों को सहायता पहुंचा रहे हैं, जो वास्तव में जरूरतमंद है और उनके द्वारा की गई सेवा से जहां एक जीवन में सुखद बदलाव आएगा, वहीं वह सेवा समाज के लिए उदाहरण बनेगी।
इस अवसर पर दिव्यांग दिवांशु ने उम्मीद फाउंडेशन का आभार प्रकट करते हुए कहा कि वह अपने आप को बहुत ही असहाय और कमजोर अनुभव करता था और कुछ समय लुधियाना के श्री बाला आश्रम में भी रहा परंतु हरियाणा का होने के कारण उस संस्था ने उसे वहां से निष्कासित कर दिया। दिवांशु ने कहा कि उसे पढ़ाई लिखाई और पेंटिंग का बहुत शौक है और यहां के सरकारी स्कूल में उसका दाखिला है परंतु रोजाना आना जाना का खर्चा उठाना उसके परिवार के लिए बहुत मुश्किल है आज उम्मीद फाउंडेशन ने उसके ऑटोमेटिक व्हीलचेयर दे कर उसकी जिंदगी सवारी है और उसके सपनों को साकार करने का भी काम किया है।
बता दें कि उम्मीद फाउंडेशन क्षेत्र की एकमात्र लोकप्रिय समाजसेवी संस्था जो आडंबरों से परे हटकर लोगों को जीवन बदलने और उन्हें सम्मानपूर्वक एक नई जिंदगी जीने का अवसर प्रदान करने में विश्वास रखती है। संस्था के कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाले पवित्र दास ने बताया कि उम्मीद फाउंडेशन का ध्येय इस तरह की समाजसेवा करना है जो क्षणिक न होकर स्थाई हो और जिससे किसी के जीवन में खुशहाल जिंदगी का ऐसा बदलाव आए जो समाज के लिए एक प्रेरणा बने। उन्होंने बताया कि इससे पहले उम्मीद फाउंडेशन ने कच्चे व जर्जर हालत मकानों में जीवनयापन कर रहे हर तरह से निराश हो चुके दो जरूरतमंद परिवारों को पक्का मकान बनवाकर उन्हें नई जिंदगी दी, वहीं पिछले सप्ताह एक बिना मां बाप की बच्ची के विवाह में भी उम्मीद फाउंडेशन ने सारा घरेलू सामान देकर उसके सपनों को साकार किया। पवित्र दास ने बताया कि इससे पहले भी उम्मीद फाउंडेशन ने कोरोना काल में जरूरतमंद परिवारों व प्रवासी भारतीयों को राशन उपलब्ध कराने, विभिन्न स्कूलों के जरूरतमंद मेधावी विद्यार्थियों को स्कूल ड्रेस, वर्दियां-जूते, पाठन सामग्री उपलब्ध कराकर मदल पहुंचाने के कार्य किए हैं, जिसके लिए उम्मीद फाउंडेशन को जिला स्तर व उपमंडल स्तर पर आयोजित होने वाले राजकीय कार्यक्रमों में सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया है।
इस अवसर पर पंकज राणा, विश्वास सैनी, अमन टर्बन, अमरिक सिंह मुल्तानी, भूपेंद्र सिंह, विजय पांचाल, जतिन, गुरनाम सिंह, सुमित सिंगला, साहिल गेरा, गौरव, गगन गुलाटी, डॉक्टर हरदेव सिंह सैनी, नोनी, जस्सू, बलविंदर सिंह आदि मौजूद थे।