:- भ्रष्टाचार का नायाब तरीका...*
जहाँ एक तरफ उत्तर वनमंडल पन्ना के संवेदनशील DFO एवं SDO के द्वारा बेरोजगार मजदूरों को विभिन्न योजनाएं बनाकर रोजगार उपलब्ध कराने की मुहिम चलाई जा रही है...
वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार में लिप्त रेंजरों और डिप्टी रेंजरों की मिलीभगत से वन विभाग के फॉरेस्ट गार्ड और ठेकेदार के द्वारा खुलेआम किया जा रहा है मजदूरों का शोषण...
1×1×1 के गड्ढे के दिये जा रहे हैं साढ़े 4/- से लेकर 6/- रुपये प्रति गड्ढा...
जबकि शासन निर्धारित रेट है 1×1×1 के गड्ढे की लगभग ₹10/- रुपये प्रति गड्ढा और 1.5×1.5×1.5 के गड्ढे की ₹13/- रुपये प्रति गड्ढा...
पुरुषोत्तमपुर बीट में पदस्थ फारेस्ट गार्ड राकेश बागरी के द्वारा अपने ही करीबी ठेकेदार को दिया गड्ढे खुदवाने का ठेका...
वहीं मजदूरों का कहना है कि प्रत्येक गड्ढे में 5/- रुपये दिये जाते हैं इसलिये ज्यादा से ज्यादा मजदूरी मिले इस कारण से बच्चों तक से करानी पड़ती है मजदूरी...
दर्जनों बाल श्रमिकों से प्लांटेशन में मजदूरी का कार्य करा रहे है रेंजर, डिप्टी रेंजर, फारेस्ट गार्ड और ठेकेदार ...
अचानक मीडिया को मौके पर कवरेज करते देख बौखलाया पुरुषोत्तमपुर बीट का फारेस्ट गार्ड राकेश बागरी...
उत्तर वनमंडल क्षेत्रान्तर्गत विश्रामगंज रेंज के पुरुषोत्तमपुर बीट, मठली पाठा बीट, इटवां बीट क्रमांक 371 एवं धरमपुर वन परिक्षेत्र के किशनगंज बीट का मामला...
श्रम पदाधिकारी को नहीं है मजदूरों की सुध लेने की फुरसत...
बुद्ध प्रकाश मिश्रा की रिपोर्ट