आपदा में हुए नुकसान को पटरी में लाने के लिये जिला अधिकारी गर्ब्याल ने धनराशि की अवमुक्त।
आपदा में हुए नुकसान को पटरी में लाने के लिये जिला अधिकारी गर्ब्याल ने धनराशि की अवमुक्त।

रिपोर्ट ललित जोशी सहयोगी धर्मा चन्देल।

नैनीताल।विगत माह जनपद में हुई तीक्ष्ण वर्षा/अतिवृष्टि से हुई क्षतियों के उपरान्त व बचाव कार्यो के दृष्टिगत रखते हुये जिला प्रशासन द्वारा क्षतिग्र्रस्त मार्गो, पेयजल योजनाओं, नहरों एवं अन्य सार्वजनिक परिसम्पत्तियों की मरम्मत, पुनःस्थापना कार्यो को त्वरित गति कराए जाने हेतु अत्यन्त गम्भीरता से लेते जिलाधिकारी  धीराज सिह गर्ब्याल ने  दैवी आपदा के अन्तर्गत सभी विभागों की सार्वजनिक सम्पत्तियों की क्षतियों का आंकलन कर विभागों से प्राप्त  प्रस्तावों के अनुसार धनराशि अवमुक्त की है।  
जिलाधिकारी श्री गर्ब्याल ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के समस्त खण्डों द्वारा भारी वर्षा से बाधित मार्गो को खोेले जाने हेतु मद मे राज्य आपदा मोचन निधि के अन्तर्गत की गई मांग के अनुसार अग्रिम धनराशि के रूप में प्रांतीय खण्ड लोनिवि नैनीताल को 20 लाख, निर्माण खण्ड लोनिवि नैनीताल को 60 लाख, लोनिवि रामनगर को 20लाख, अस्थाई खण्ड लोनिवि भवाली को 40 लाख, लोनिवि हल्द्वानी को 11 लाख, पीएजीएसवाई लोनिवि ज्योलीकोट को 20 लाख, पीएमजीएसवाई काठगोदाम को 40 लाख, तथा पीएमजीएसवाई लोनिवि हल्द्वानी को 8 लाख कुल 219 लाख की धनराशि अवमुक्त की गई। उन्होने बताया कि मरम्मत/पुनर्स्थापना कार्यो हेतु लघु सिचाई को 105 योजनाओं/गूलों की मरम्मत हेतु 155.68 लाख, सिचार्इ्र खण्ड, सिचाई खण्ड नैनीताल को 131 नहरों,कार्यो के सापेक्ष 188.99 लाख, सिचाई खण्ड हल्द्वानी को 13 नहरों के कार्यो के लिए  18.09 लाख, सिचाई खण्ड रामनगर कोे 19 नहरों के कार्यो के लिए 28.48 लाख, प्रांतीया खण्ड को 02 क्षतियों के लिए 15.05 लाख, पीएमजीएसवाई लोनिवि ज्योलीकोट को 05 क्षतियों के लिए 59.31 लाख, जलसंस्थान नैनीताल को 12 योजनाओं के लिए 27.59 लाख, निमार्ण शाखा पेयजल निगम भीमताल को 107 पेयजल योजनाओ, क्षतियों के लिए 123.35 लाख तथा खण्ड विकास अधिकारी भीमताल एवं प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी को एक-एक कार्य के लिए 0.75 लाख तथा 12.50 लाख, इसी तरह कुल 16 विभागों के 396 कार्यो के लिए 848.79 लाख की धनराशि स्वीकृति की गई। 
जिलाधिकारी  धीराज सिह गर्ब्याल ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि स्वीकृत किये गये कार्यो को तात्कालिकता के आधार पर करते हुए समस्त क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की मरम्मत  अतिशीघ्र करांए ताकि आम जनमानस को सडक,पेयजल, सिचाई एवं अन्य सेवायें सुचारू रूप से उपलब्ध हो सके।