लायंस परिवार द्वारा गांधी व शास्त्री जयंती पर सर्व धर्म प्रार्थना सभा सम्पन्न धर्म गुरुओं ने इंसानियत को बताया सबसे बड़ा धर्म
लायंस परिवार द्वारा गांधी व शास्त्री जयंती पर सर्व धर्म प्रार्थना सभा सम्पन्न धर्म गुरुओं ने इंसानियत को बताया सबसे बड़ा धर्म

सतना।।अंतरराष्ट्रीय समाज सेवी संस्था लायंस क्लब सतना हेल्पिंग हैंड्स, लायंस क्लब सतना गैलेक्सी, लायंस क्लब सतना सेवा, लायंस क्लब अमरपाटन, लायंस क्लब सेमरिया द्वारा संयुक्त रुप से दिनांक 2 अक्टूबर 2021 को प्रातः 10 बजे स्थानीय जगत देव तालाब के पास स्थित दुर्गा मंदिर में महात्मा गांधी जी एवं लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें प्रमुख धर्म गुरुओं ने इंसानियत, एकता, प्रेम से जीवन का महत्व बताया। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ लायन राजेश अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य वक्ता दुर्गा मंदिर के प्रमुख पुजारी पंडित नंदकिशोर शास्त्री, गुरुद्वारा नानक दरबार के ज्ञानी सरदार परमजीत सिंह, जिला हज कमेटी के अध्यक्ष मौलाना नफीस अकबर, रेलवे कॉलोनी चर्च फादर रेवरेंट संजीत पारवे रहे। लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डि3233 सी (मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़) के ग्लोबल लीडरशिप कोऑर्डिनेटर लायन पवन मलिक की विशेष उपस्थित में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता लायंस जोन चैयरपर्सन लायन आलोक त्रिपाठी ने की।


दुर्गा मंदिर के प्रमुख पुजारी पंडित नंदकिशोर शास्त्री ने कहा कि पुराणों के अनुसार 84 लाख योनियों को भोगते हुए क्रमशः जरायुज अनदज स्वेदज उदधिज योनियो को भोग कर मानव तन प्राप्त होता है। मानव तन पाकर आवागमन का मोक्ष का साधन है मानव एक धर्म है। जो मानव मानव को जोड़ता है। हम सब मानव हैं एक नारायण से पैदा हुए हैं, उसी नारायण में अच्छे कर्म करके समाहित हो जाना है। चाहे हम किसी भी धर्म को मानने वाले हो सभी का लक्ष्य एक है ईश्वर प्राप्त करना। चाहे खान पान रहन सहन मार्ग पंथ सभी धर्म के अलग अलग हो सकते हैं। मानव धर्म मानवता की पहचान होनी चाहिए, यही हमारा सभी धर्मावलंबियों का धर्म है। चाहे धर्म अनेक हों कर्म हमारे नेक हो, चाहे पंथ अनेक हों मानव मानव एक हों, चाहे देश अनेक हों पर भारतवासी एक हों।


गुरुद्वारा नानक दरबार के ज्ञानी सरदार परमजीत सिंह ने बताया कि गुरु ग्रंथ साहब के 1349 अंग में दर्ज कबीर की वाणी 'अव्वल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बंदे, एक नूर ते सब जग उपजया कौन भले को मंदे' संसार में जितने भी मनुष्य हैं सब को एक परमात्मा ने पैदा किया है। जिसमें कोई जीव अच्छा तो कोई बुरा निकला। गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपनी दशम ग्रंथ की वाणी में दर्ज किया है कि 'मानस की जात सबै एकय पहचानबो' के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह जी ने संदेश दिया है कि संसार में जितने भी मनुष्य जाति है सभी अपने धर्म जात पात का भेदभाव मिटाकर सबको एक जैसा मानना सिखाया है।


जिला हज कमेटी के अध्यक्ष मौलाना नफीस अकबर ने बताया कि हुजूर पाक मोहम्मद साहब ने फरमाया मुसलमान वही है जिसके जवान से और उसके हाथ से किसी को तकलीफ ना हो। हम सारे इंसान जो बने हैं वह इंसानियत को जिंदा करने के लिए हैं, यही इस्लाम धर्म दावत देता है। इंसान जिंदा है तो धर्म को मानने वाले होंगे, जब इंसान के अंदर से इंसान और इंसानियत ही खत्म हो जाएगी तो धर्म का कोई महत्व नहीं है। इसलिए इंसानियत सबसे बड़ी चीज है यही इस्लाम का संदेश है।


रेलवे कॉलोनी चर्च फादर रेवरेंट संजीत पारवे ने बताया कि योहन्ना का अध्याय 3 पद 16 में उल्लेखित है कि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करें वो नाश न हो, अनंत जीवन पाए। यही प्रेम जो ईश्वर ने हम मानव जाति से किया, उसे हमें एक दूसरे में बांटना है। और हम एक दूसरे के साथ एक दूसरे की मदद, सहायता, चिंता करते हुए प्रेम से अपना जीवन व्यतीत करें।


यह रहे उपस्थित
कार्यक्रम संयोजक लायन संजय मिश्रा व सह संयोजक लायन सागर अग्रवाल ने बताया कि इस अवसर पर मुख्य रूप से आलोक त्रिपाठी, पवन मलिक, राजकुमारी पाण्डेय, एड. मकसूद अहमद, विजय सिंह, जयकुमार जैन, धर्मेन्द्र सेन, जसविंदर सिंह भाटिया बब्बल, राजेश अग्रवाल, शैलेन्द्र त्रिपाठी, राकेश रैकवार, संजय मिश्रा, कैलाश कुमार, कृष्ण कुमार द्विवेदी, रमेश चंद शुक्ला, नीलेश पाठक, सागर अग्रवाल, जितेंद्र गर्ग, आदि उपस्थित रहे।

शिखा सोनी जिला ब्यूरो न्यूज एसीपी इंडिया