//पन्ना मध्य प्रदेश //
......... गुनौर//प्राचीन इतिहास की अगर बात करें तो राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी मूल की थी उनके अनुसार राजपूत कुषाण,शक, और हूणों के वंशज थे क्योंकि राजपूत अग्नि की पूजा किया करते थे और यही कार्य कुषाण और शक भी करते थे इसी कारण से इनकी उत्पत्ति शको और कुषाणों में लगाई जाती थी इसी तरह दूसरे सिद्धांत के अनुसार राजपूतों को किसी भी विदेशी मूल से संबंधित नहीं किया जाता है बल्कि उन्हें क्षत्रिय जाति से संबंधित मना जाता है इस संदर्भ में यह कहा जाता है कि उनके द्वारा अग्नि की पूजा की जाती थी जो कार्य आर्यों के द्वारा भी संपादित किया जाता था अतः राजपूतों की उत्पत्ति भारतीय मूल की थी वहीं तीसरे में राजपूत और आर्य विदेशी वंशज थे चौथे सिद्धांत अग्निकुल से संबंधित चंदबरदाई द्वारा 12 वीं शताब्दी के अंत में रचित ग्रंथ पृथ्वीराज रासो में चालुक्य (सोलंकी) प्रतिहार चहमान तथा परमार राजपूतों की उत्पत्ति आबू पर्वत के अग्नि कुंड से बतलाई है किंतु इसी ग्रंथ में एक अन्य स्थल पर इन्हीं राजपूतों को रवि शशि जाधव बंशीं कहां है वही प्राचीन मान्यताओं के अनुसार छत्रिय की उत्पत्ति ब्रह्मा की भुजाओं से हुई मानी जाती है और एक कथा के अनुसार क्षत्रियों की उत्पत्ति अग्नि से हुई थी आज चूंकि अखिल भारतीय छत्रिय युवा महा सभा मध्य प्रदेश इकाई पन्ना का शक्ति प्रदर्शन का शुभारंभ पन्ना जिले के अमानगंज कस्बे से होते हुए गुनौर तक विशाल शक्ति प्रदर्शन किया गया जिसको लेकर युवा कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखा गया अखिल भारतीय युवा क्षत्रिय महासभा मध्य प्रदेश जिला पन्ना के तत्वाधान में प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश उपाध्यक्ष एवं संभागीय अध्यक्ष सहित समस्त पदाधिकारी गणों के प्रथम पन्ना नगर आगमन पर विशाल रैली का आयोजन कार्यक्रम किया गया अमानगंज से गुनौर आने में पदाधिकारियों का जगह जगह स्वागत बंधन और अभिनंदन हुआ रैली को लेकर विशाल जन समूह उपस्थित रहा।
बुद्ध प्रकाश मिश्रा रिपोर्टर