चमोली उत्तराखंड
21 दिनों तक वेदनी बुग्याल सहित कई गांवों के भ्रमण के बाद बधाण की नंदा भगवती का उत्तसव डोला अपने 6 माह के प्रवास पर सिद्धपीठ देवराड़ा के मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गया हैं।
इस मौके पर बधाण पट्टी के तमाम गांवों के देवी भक्तों ने देवी की पूजा अर्चना कर मनौतियां मांगी।
रिपोर्ट केशर सिंह नेगी थराली
31 अगस्त से घाट विकासखंड के नंदा सिद्धपीठ कुरूड़ से शुरू हुई नंदा लोकजात यात्रा के दौरान 13 सितंबर को नंदा सप्तमी के पर्व पर वेदनी कुंड में पूजा-अर्चना के बाद सिद्धपीठ देवराड़ा के लिए नंदा का डोला वापस लौटा था।
उसके बाद विभिन्न गांवों में प्रवास के बाद उत्सव डोला सोमवार की सांय करीब तीन बजे देवराड़ा गांव पहुंचा जहा पर भारी संख्या में देवी भक्त मौजूद थे।देवी का डोला पहुंचते हैं।पूरे तुगेश्वर देवराड़ा क्षेत्र देवी के जयकारों से गूंज उठा।डोली के मंदिर में पहुंचे ही कई महिलाओं एवं पुरुषों पर देवी अवतारित भी हुई। इसके बाद यहां पर देवी भक्तों ने विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर मनौतियां मांगी। इसके बाद देर सांय करीब 4 बजें मंत्रो उच्चारण के साथ देवी की डोली को गर्भगृह में विधिवत स्थापित किया गया।अब अगले 6 माह तक बधाण की नंदा की पूजा-अर्चना यही पर विधिवत रूप से की जाएगी। मंदिर के गर्भगृह में डोले को 6 माह के लिए स्थापित करने की सभी धार्मिक प्रकृयाओं का संपादन मुख्य पुजारी एवं अध्यक्ष मंशा राम गौड़ के नेतृत्व में पुजारियों ने संपन्न की।