झोलाछाप डॉक्टर ने बेहोशी का इंजेक्शन लगा महिला को लूटा*
*झोलाछाप डॉक्टर ने बेहोशी का इंजेक्शन लगा महिला को लूटा*

*तीन महीने पहले SDM ने क्लिनिक किया था सीज*

*महिला बोली: 5 घंटे एडमिट रखा, इलाज के नाम उतार दिए थे जेवरात, फर्जी डॉक्टर फरार*

बाड़मेर से वागाराम बोस की रिपोर्ट 

बाड़मेर जिले के सिवाना थाना क्षेत्र में झाेलाछाप डॉक्टर द्वारा महिला को बेहोशी का इंजेक्शन देकर गहने लूटने का मामला सामने आया है। इसी झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ 3 महीने पहले एसडीएम ने कार्रवाई करते हुए उसका क्लिनिक सीज किया था। महिला का आरोप है कि तबीयत खराब होने पर डॉक्टर ने एडमिट किया और बेहोशी का इंजेक्शन दे दिया। महिला की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला भी दर्ज किया है। वहीं मंगलवार को तहसीलदार क्लिनिक पहुंचे और उसे सीज किया। मामला सामने आने के बाद झोलाछाप डॉक्टर भी फरार है।
बाड़मेर जिले के सिवाना थाना क्षेत्र में झाेलाछाप डॉक्टर द्वारा महिला को बेहोशी का इंजेक्शन देकर गहने लूटने का मामला सामने आया है। इसी झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ 3 महीने पहले एसडीएम ने कार्रवाई करते हुए उसका क्लिनिक सीज किया था। महिला का आरोप है कि तबीयत खराब होने पर डॉक्टर ने एडमिट किया और बेहोशी का इंजेक्शन दे दिया। महिला की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला भी दर्ज किया है। वहीं मंगलवार को तहसीलदार क्लिनिक पहुंचे और उसे सीज किया। मामला सामने आने के बाद झोलाछाप डॉक्टर भी फरार है।
दरअसल, 12 अगस्त को पीड़िता हंजादेवी पत्नी मालाराम निवासी कुसीप सिवाना ने थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि 11 अगस्त को दोपहर 12 बजे उसकी तबीयत खराब हो गई थी। इस पर उसका बेटा किशोर कुसीप में राजेंद्र सोलंकी के क्लिनिक यहां ले गया। यहां झोलाछाप डॉक्टर ने उसे भर्ती कर लिया। महिला ने बताया कि डॉक्टर ने मेरे बेटे को अंदर आने से मना कर दिया। एडमिट करने के बहाने उसने पहले ड्रिप चढ़ाई और इंजेक्शन लगाया। महिला ने बताया कि डॉक्टर गहने उतारने लगा तो उसे मना किया लेकिन उसने इलाज में परेशानी का हवाला देकर गहने उतार लिए। महिला का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर ने इलाज के नाम 35 ग्राम जेवरात चुरा लिए। उसने 5 घंटे तक उसे एडमिट रखा और शाम 5 बजे बेटे को बुलाकर बेहोशी के हालात में घर भेज दिया। पीड़िता ने बताया कि जब उसे दूसरे दिन होश आया तो वो गहने लेने डॉक्टर के पास गई लेकिन उसने देने से मना कर दिया। सिवाना थानाधिकारी प्रेमाराम ने बताया कि विवाहिता ने क्लिनिक संचालक के खिलाफ सोने के गहने चुराने की रिपोर्ट दी है मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच कर रहे हैं।
*मामला दर्ज होने के बाद पहुंचे तहसीलदार, दोबारा क्लिनिक सीज*
मामला दर्ज होने के बाद मंगलवार को तहसीलदार दोबारा क्लिनिक पहुंचे। झोलाछाप डॉक्टर भी मौके से फरार है। सिवाना तहसीलदार चोखाराम ने बताया कि झोलाझाप डॉक्टर राजेन्द्र सोलंकी के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ था। प्रशासन को शिकायत भी मिली थी इसने वापस से क्लिनिक शुरू कर दिया है। इसके बाद SDM के निर्देश पर मंगलवार को दोबारा सीज कर दिया है।
*पहले हो चुकी कार्रवाई*
दर्ज एफआईआर के मुताबिक कुसीप गांव में राजेन्द्र सोलंकी ए वन क्लिनिक नाम से अस्पताल चलाता है, जिसके खिलाफ तीन महीने पहले भी मामला दर्ज हो चुका है। कोरोना की दूसरी लहर में सिवाना एसडीएम कुसुमलता चौहान और बीसीएमओ ने कार्रवाई कर सीज किया था और मामला भी दर्ज किया। कुछ दिनों पहले ही वह जेल से बाहर आया और दोबारा क्लिनिक शुरू कर दिया।
*दो दिन बाद किया मामला दर्ज*
पीड़िता ने सिवाना थाने में 12 अगस्त को सोने के गहने चुराने की रिपोर्ट दी थी लेकिन पुलिस ने दो दिन बाद 14 अगस्त को शाम 8 बजे मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर रहे हैं। यह भी सामने आया कि  क्लिनिक शुरू होने के बाद ग्रामीणों ने अधिकारियों को इसकी सूचना नहीं दी , जबकि ज्ञात हों झोलाछाप डॉक्टर अभी  ज़मानत पर है, ऐसे में फर्जी डॉक्टर का उसी गांव में दुबारा क्लीनिक चलाना चिकित्सा विभाग की कार्यपण्राली पर  संदेह व्यक्त करता है ।
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