होश्ंागाबाद:- ( राजेन्द्र पुरी गोस्वामी ) जिले में बीते एक महीन से लॉकडाउन है। शराब दुकाने बंद हैं। फिर भी गली-गली में शराब उपलब्ध है। चार गुना दामों में शराब बेची और खरीदी जा रही है। जो लोग शराब नहीं खरीद पा रहे हैं, वे लोग मधु मुनक्का और मेडिकल स्टोर में मिलने वाली टेबलेट का इस्तमाल करने लगे हैं।
बता दें कि जिले में अप्रैल से लॉकडाउन है। अप्रैल से देशी-अंग्रेजी शराब दुकानें बंद हैं। शराब का परिवहन बंद है, पर भी शहर में शराब मिल रही है। शहर में हर ब्रांड की शराब आसानी से उपलब्ध है। खुलेआम शराब बेची व खरीदी जा रही है।
शहर के लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब सभी जिलों की सीमााएं सील है, प्रदेश की सीमा सील है, चैक-चैराहों पर पुलिस तैनात है, उसके बाद भी लॉकडाउन में शराब आ कहां से रही है। शराब के शौकिन चार गुना ज्यादा कीमत में बिक रही शराब भी खरीद रहे हैं।
इन ब्रांडों के इतने दाम
- 80 रुपये वाला देशी प्लेन- 250 रुपये
- 90 रुपये वाला देशी मसाला- 300 रुपये
- 120 वाला गोवा (अंग्रेजी)- 350 से 400 रुपये में
-इसी तरह दो सौ से 250 रुपये वाला अंग्रेजी का क्वाटर- 550 रुपये से 650 रुपये में
-700 सौ से 12, 15 सौ वाले अंग्रेजी शराब के बोतल की कीमत तीन हजार से चार हजार रुपये में बेची जा रही है।
जिन लोगों को देशी व अंग्रेजी नहीं मिल पा रही है. वे लोग जंगल इलाकों से महुवा की शराब मंगा रहे हैं। वही कल बाबई टोल टेक्स के पास पुलिस को एक इंडिका कार में शराब पकडी । आखिर सोचने वाली बात है कि जब बाबई में भी पुलिस लगी है फिर होश्ंागाबाद शराब कैसे आ रही थी ? सोचने वाली बात है कि शहर में फरारी काट रहे बतमाश खुले आम रिश्वत देकर इस तरह के दो नम्बर के धंधो को खुलेआम पुलिस के नाक के नीचे पूरा खेल चल रहा है ? आखिर पुलिस इसके तह तक जा पायेगी आरोपी पकडायेगा या फिर एक बार लीपा पोती ?