बैतूल/सारनी। कैलाश पाटिल
समाज सेवी संस्था ग्राम भारती महिला मंडल द्वारा संचालित स्वाघार गृह में निराश्रित महिलाओं के भी स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुये वहाँ निवासरत महिलाओं का भी आयुष्मान कार्ड नियमानुसार बनाया गया जिसमें हितग्राही हैं- कुमारी रोशनी सलामें, कुमारी रीचा पण्डया, कुमारी आरती केवट। इन्हें योजना के तहत 5 लाख तक का स्वास्थ्य उपचार खर्च सरकार द्वारा दिया जाएगा।
संस्था द्वारा इसके पूर्व में भी जिनका आयुष्मान कार्ड बनाया हैं उनके नाम इस प्रकार हैं-- श्रीमती ज्योती पंडिया, कुमारी निकिता माकोड़े, श्रीमती लीला पीपले, श्रीमती लीला पीपले, श्रीमती मुन्नी बाई, श्रीमती शबनम शेख, श्रीमती प्रमिला बाई, कुमारी प्रमिला पंडाग्रे!
विविध कारणों से जिनका आयुष्मान कार्ड नहीं बना हैं उनके नाम हैं अनिता उडके समग्र आई डी नहीं हैं - महिमा भूमरकर राशन कार्ड में आई डी नहीं जुड़ी हैं। सोफिया माता-पिता द्वारा आधार कार्ड नहीं दिया जा रहा। ज्ञानी उडके माता-पिता के साथ नाम न होना समग्र आई डी नहीं हैं। आधार हैं और ना ही राशन कार्ड।
इन्हीं महिलाओं के जीवन को बचाने के लिये ग्राम भारती महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती भारती अग्रवाल अपना पूरा प्रयास कर रही हैं। इन महिलाओं का भी आयुष्मान कार्ड संस्था के माध्यम से बनाया गया हैं। इसी प्रकार महिलाओं का नैतिक एवं सामाजिक जीवन का उन्नयन करते हुये संस्था ने एक और सफल कहानी रची हैं जिसका उदाहरण हैं परिवर्तित नाम निवेदिता निवासी ग्राम आष्टा जिला सिवनी थाना बरघाट, जिसे अपने ही परिवार के लोगो ने 8 माह की गर्भवती होने के पश्चात् भी बेसहारा छोड़ दिया गया था जिसे वन स्टाप सेन्टर सिवनी के विभागीय कर्मचारियों एवं थाना बरघाट के सहयोग से ग्राम भारती स्वाधार गृह काली माई लाया गया। संस्था अध्यक्ष के ही कठिन प्रयासों द्वारा पुनः परिवर्तित नाम निवेदिता का जीवन भर हाथ थामने के लिये हरदा निवासी जितेन्द्र विश्नोई आगे आया।
बेटी के लिये माँ का फर्ज निभाते हुये श्रीमति भारती अग्रवाल ने दोनों का विवाह संपन्न कराया । बेटी की भविष्य की चिंता करते हुये श्रीमती अग्रवाल के कथनानुसार वर पक्ष ने निवेदिता परिवर्तित नाम के लिये तीन लाख रूपये एवं एक हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री की गई। इसी प्रकार सफलता के इतिहास में एक सफल अध्याय जुड़ गया।समाज सेवी संस्था ग्राम भारती महिला मंडल द्वारा संचालित स्वाधार गृह में संस्था ने कई सफलता अध्याय महिला विकास के इतिहास में जोड़े हैं जिसका एक जीवंत उदाहरण निवेदिता परिवर्तित नाम संस्था द्वारा विवाह किया गया था। वह अपना जीवन का सुख बॉटने एवं अपने सफल बैवाहिक जीवन की कुशलता की खबर देने अपने सास-ससुर के साथ संस्थाध्यक्ष से मिलने दिनॉक 08 अप्रैल को आई थी। खुशी से छलक आये ऑश्रुओ से परिवर्तित नाम निवेदिता ने संस्था अध्यक्ष श्रीमती अग्रवाल को बताया कि आज आपकी वजह से ही मेरा जीवन फिर से बसा हैं एवं मुझे दोबारा परिवार मिला हैं। आज मेरी मॉ भी मेरे लिये इतना ना कर पाती जितना आपने और आपकी संस्था के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किया हैं। संस्था से श्रीमती नंदा सोनी, ज्योति बागड़े, हितकला विजयवार, शबनम शेख, उज्ज्वला नागवंशी, आरजू अंसारी, पल्लवी पोटफोड़े, श्रीमती लीला पिपले, श्री रंजित दुर्गे, राजकुमार शर्मा, देवेन्द्र पंवार, प्रहलाद आरसे, सुनिल दरवाई, अखिलेश उपस्थित रहें।