पर्यावरण ही मानव जीवन का मुख्य अंग है इनकी सुरक्षा का दायित्व भी हमारा है
पर्यावरण ही मानव जीवन का मुख्य अंग है इनकी सुरक्षा का दायित्व भी हमारा है आज सुबह इन जंगलों को देखकर कुछ नासमझ लोगों की नादानी की वजह से जंगलों में लगातार आग लगते चली जा रही है देखने पर यह है आ रहा है कि जहां देखो वहां सतपुड़ा की धनी वादियों में ग्रीष्म ऋतु लगते ही पेड़ों के पत्ते शिखर के नीचे जब गिरते हैं तो कुछ नासमझ लोग दुखदाई स्थिति से भी उनको कहीं ना कहीं जलाने का काम कर देते हैं जिससे कि जंगलों में काफी भयानक आग का रूप देखने के लिए आए दिन हर पहाड़ियों के ऊपर देखने के लिए मिलता है और कुछ सड़क के साइड में भी नीचे गिरे पत्तों में आग लगी हुई दिख रही है सरकारी अमला अधिकारी भी इसकी इतनी भी जांच करने में और आग को बुझाने में नाकामयाब नजर आ रहे हैं इन छोटी सी आग लगने की वजह से पर्यावरण को दूषित हो ही रहा है लेकिन बड़े बड़े पेड़ों को भी नुकसान हो रहा है जैसे कि जल जा रहे हैं और काफी बड़ी मात्रा में जंगलों में रोज आए दिन आज नजर आ रही है इन तस्वीरों में देखकर यह लगा कि जंगलों की देखरेख करने के लिए ,सुचिक अधिकारी भी नाकाम हो चुके हैं और आम जनता भी इन का पूर्ण रुप से ध्यान भी नहीं रख पा रही है कुछ आवारा तत्वों की नासमझी की वजह से आए दिन रोज जंगलों में आग लग जाती है आग लगने का और कोई भी मुख्य कारण नहीं है पूरे देश के आम जनता से अपील के पर्यावरण को सुरक्षित रखने का दायित्व भी हम और आप मिल कर रखें क्योंकि हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरण और जल दोनों ही जीवन का मुख्य आधार है इन से मिलने वाली वायु और जल से मिलने वाली प्यास बुझाकर ही जिंदगी का लुफ्त मजा लेकर आसानी से मानव जीवन को साक्षर कर देता है घोड़ाडोंगरी संवाददाता मनोज पवार