होशंगाबाद- कलेक्ट्रेट कार्यालय के सहायक अधीक्षक के विरुद्ध नियम एवं विधान उल्लंघन की जांच होगी,

होशंगाबाद- कलेक्ट्रेट कार्यालय के सहायक अधीक्षक के विरुद्ध नियम एवं विधान उल्लंघन की जांच होगी,
आयुक्त कार्यालय ने कलेक्टर के नाम जारी किया जांच कराने संबंधी पत्र,
त्रिपाठी की शिकायत को लेकर कमिश्नर ऑफिस से जारी यह दूसरा पत्र है, कलेक्ट्रेट के सहायक अधीक्षक त्रिपाठी द्वारा नियम एवं विधान का खुला उल्लंघन करने को लेकर विगत दिनों आयुक्त नर्मदापुरम संभाग को लिखित शिकायत की गई थी, शिकायत के परिपेक्ष में जी सी दोहर संयुक्त आयुक्त विकास नर्मदापुरम संभाग द्वारा कलेक्टर को पत्र जारी हुआ है, पत्र क्रमांक 3764 दिनांक 22 जुलाई 2020 को जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि शिकायती आवेदन के संबंध में जांच की जावे एवं जांच उपरांत नियमानुसार कार्रवाई कर कार्यवाही से इस कार्यालय को 15 दिनों में अवगत करावे, कलेक्टर द्वारा मामले को लेकर क्या जांच कार्रवाई की जाती है इसको लेकर कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों में उत्सुकता है,
आखिर क्यों नहीं करा पा रहे  कलेक्टर त्रिपाठी मामले की जांच ?
कलेक्ट्रेट कार्यालय के सहायक अधीक्षक को लेकर की गई शिकायतों की जांच कलेक्टर को कराना है, आखिर क्या वजह है कि कलेक्टर महोदय जांच नहीं करा पा रहे हैं ? हो सकता है जांच संबंधी कोई शिकायत पत्र कलेक्टर महोदय तक पहुंचे ही ना हो, यह भी संभव हो सकता है कि कमिश्नर ऑफिस से आए पत्र को ही दबा दिया गया हो क्योंकि पहले भी ऐसे मामले हुए हैं जो कलेक्टर तक पहुंचने नहीं पाये, इन्हीं मामलों में वकील अनुमोदन का मामला भी चर्चित रहा, यदि त्रिपाठी प्रकरण कलेक्टर तक पहुंच गया है तो उनके द्वारा जांच अवश्य कराई जाएगी, विद्वान जिला दंडाधिकारी धनंजय सिंह की कार्यप्रणाली हमेशा न्याय पूर्ण और जनहित में रही है। देखना है कलेक्टर द्वारा अपने ही कार्यालय के एक कर्मचारी की जांच को लेकर क्या कार्रवाई की जाती है,
अन्य मामलों में भी हो चुके हैं त्रिपाठी को लेकर जांच के आदेश, सहायक अधीक्षक के एन त्रिपाठी को लेकर यह दूसरा मामला है इससे पहले कमिश्नर कार्यालय में सरकारी वकीलों की नियुक्ति अनुमोदन को लेकर की गई शिकायत पर भी कमिश्नर ने कलेक्टर को जांच कर जांच उपरांत कार्यवाही से अवगत कराने का निर्देश किया था लेकिन शिकायतकर्ता संबंधित वकील को आज तक जांच संबंधित कार्यवाही से अवगत नहीं कराया गया, बताया जाता है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से जिन वकीलों के नाम सरकारी वकील पद अनुमोदन के लिए आए थे उनकी फाइल त्रिपाठी द्वारा कलेक्टर तक नहीं पहुंचाई बल्कि अपने मन से दूसरे वकीलों के नाम आगे बढ़ा दिए थे, इस मामले को लेकर  अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री सहित कमिश्नर को शिकायत कर जांच कराने का आग्रह किया था, यह मामला भी लंबित है,के एन त्रिपाठी को लेकर यह दूसरा मामला है जब कमिश्नर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर शिकायती मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।                                      प्रदीप गुप्ता की रिपोर्ट


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