भागवत कथा के पांचवे दिन तीन कथा व्यासों ने अपनी वाणी से अमिरसा को बनाया धाम
भागवत कथा के पांचवे दिन तीन कथा व्यासों ने अपनी वाणी से अमिरसा को बनाया धाम
- काशी के श्रीविद्या मठ व अयोध्या धाम से पधारे संतों ने श्रोताओं को किया भाव विभोर

- नेवादा ब्लॉक के अमिरसा गांव मे 23 अक्टूबर से चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन बुधवार को सपाद लक्षेश्वर धाम, बेमेतरा छत्तीसगढ़ के कथा व्यास ब्रम्हचारी ज्योतिर्मयानंद के साथ साथ काशी व अयोध्या धाम से पधारे दो अन्य संतों ने अपने पवित्र मुखारबिंद से प्रभु श्री कृष्ण की बाल लीला का अत्यंत मार्मिक व सुंदर वर्णन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। 
      अनंत श्री विभूषित ज्योतिष एवं द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी के शिष्य
ब्रह्मचारी श्री केशवानंद महाराज जी काशी के श्रीविद्या मठ आश्रम से एवं सनातन जी महाराज अयोध्या धाम से बुधवार को अमिरसा मे पधारे। इस दौरान केशवानंद महाराज ने कहा कि हनुमान जी के मुख से श्री राम चन्द्र भगवान की कथा सुनकर जिस तरह साक्षात भगवती माता सीता का दुख दूर हो गया था उसी प्रकार भागवत कथा से हम सब मनुष्यों के सभी दुख दूर होते हैं और कथा से मनुष्य की अज्ञानता समाप्त होकर ज्ञान का पट खुल जाता है। इसके बाद अयोध्या धाम से पधारे सुप्रसिद्ध कथावाचक सनातन जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला का वर्णन करते हुए बताया कि कन्हैया को मारने के लिए जब कंश ने राक्षसों से कहा तो सबसे पहले पूतना ने इस काम को करने का बीड़ा उठाया। पूतना भगवान को मारने की इच्छा से अपना रूप बदल कर माता यशोदा के घर पहुंची और कन्हैया को गोदी मे उठाकर कालकूट हलाहल विष का दुग्धपान करवाने लगी। भगवान श्री कृष्ण ने दुग्धपान के बाद पूतना का जीवन पान करना शुरू कर दिया तो वह अपने सही रूप मे आकर चींखती चिल्लाती वहां से भागने लगी। उन्होंने बताया कि पूतना का मृत शरीर इतना विशालकाय था कि 18 किलोमीटर के क्षेत्रफल की जमीन मे गिरा। अंत मे कथा के मुख्य वाचक ज्योतिर्मयानंद ने भगवान श्रीकृष्ण के बावन अवतार और राजा बलि की कहानी सुनाकर आगे बताया कि कैसे प्रभु श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से कृष्णार्पण करके पूर्वजन्म का एक चोर  बाद मे भगवान इंद्र बन गया। इसके साथ ही उन्होंने श्रीकृष्ण की सभी बाल लीलाओं का बहुत ही सुंदर वर्णन कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। इस दौरान भजन कीर्तन की धुन पर ग्रामीण भगवान की भक्ति मे झूमते नजर आये। इस दौरान कथा मे यजमान सुशीला पांडेय व विद्यासागर पांडेय समेत अनुराग पांडेय, प्रशांत पांडेय, ग्राम प्रधान अनूप मिश्रा, चंद्रप्रकाश, वेदप्रकाश, जयप्रकाश, शिवप्रकाश, राजेश पांडेय, शिवगणेश, मणिकांत, काशी प्रसाद, रमेश मिश्रा व अन्य लोग उपस्थित रहे।  

चायल तहसील से अम्बिकेश पाण्डेय की रिपोर्ट