एसडीएम के निर्देश पर प्रशासन कुंभकरणी नींद से जागा
बराड़ा, 19 जुलाई, (जयबीर राणा थंबड़)। मानसून वर्षा के विलंब से त्रस्त आमजन को गर्मी से आज थोड़ी राहत मिली परंतु कस्बा के गुरुदेव मोहल्ला, गुरुद्वारा क्षेत्र, करनाल कॉलोनी, हरी मंदिर, लकड़ी मंडी सहित सभी निचले क्षेत्रों में जलभराव की समस्या ने लोगों की मुसीबत कई गुना बढ़ा दीया। आज अलसुबह से आरंभ हुई दिनभर चली मानसूनी बारिश ने कस्बा वासियों विशेषकर बच्चों, महिलाओं, राहगीरों सहित वरिष्ठ नागरिकों परेशानी झेलनी पड़ी। इसके अतिरिक्त मुख्य बाजार में जगह-जगह जलभराव के कारण दुकानदारों तथा ग्राहकों को भी भारी मुसीबत के साथ मंदी की मार भी झेलनी पड़ी । कस्बा के चौमुखी विकास के दावे कर अपनी पीठ थपथपा ने वाला नपा प्रशासन आज सवालों से घिर गया। एक दशक से कस्बा की एक प्रमुख समस्या पानी की निकासी करोड़ों रुपए से बने नालों के निर्माण सफाई तथा सीवरेज चालूहोने के बावजूद कस्बा वासियों का सिर दर्द बनी हुई है। राज्य सरकार के स्थानीय निकायों को मानसून वर्षा के मौसम से पूर्व तय समयसीमा में नालों की सफाई वर्षा के जल की निकासी तथा बाढ़ नियंत्रण प्रबंधों को अंतिम रूप देने के कड़े निर्देश दिए गए थे। मानसून वर्षा से पूर्व स्थिति का जायजा लेने गत दिनों जिला आयुक्त निगम धीरेंद्र खटगड़ा आई ए एस ने कस्बा का दौरा कर प्रबंधों की समीक्षा कीथी परंतु नपा प्रशासन ने उन्हें भी कागजों पर सभी प्रकार के कार्यों की प्रगति को दर्शा कर संतुष्ट कर दिया। जिससे आज मानसून की पहली बारिश ने प्रशासन की कागजी तैयारी की सच्चाई को सबके सामने ला के रख दिया।
बराड़ा निवासियों ने नारियल फोड़ खोली प्रशासन की पोल ;-
बराड़ा नगर पालिका क्षेत्र के निवासी गगन गुलाटी के नेतृत्व में नगरपालिका का मजाक उड़ाते हुए वार्ड नंबर 12 , 13 पानी से भरी हुईगली में नारियल फोड़ा गया। उनका कहना है कि एक तरफ बराडा़ नगरपालिका चेयरपर्सन नारियल फोड़ गलियों का उद्घाटन कर रही है।गगन गुलाटी का कहना है कि क्षेत्र की अधिकांश गलियों में पानी निकासी समस्या को नपा प्रशासन दूर नहीं कर रहा। अगर विकास इसीतरह होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब बराड़ा की गलियों में किश्तियों से चलना पड़ेगा।
नागरिक मंच में नालों के निर्माण के बजट सफाई तथा घटिया सामग्री की जांच सतर्कता विभाग से करवाने की मांग की।:- कस्बा के नालों के निर्माण सफाई तथा सामग्री पर करोड़ों रुपए की राशि व्यय की गई, जिससे कस्बा की जल निकासी की प्रमुख समस्या से निजात मिल सके । परंतु नालों की लेवलिंग, कागजी सफाई तथा घटिया निर्माण सामग्री के चलते हल्की बारिश से ही कस्बा वासियों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है। आमजन में चर्चा है कि नालों में पानी नहीं बल्कि जनता का खून पसीने से कमाया टैक्स के रूप में दिया पैसा बहाया जा रहा है । प्रबुद्ध नागरिक वजीर चंद गेरा, धर्मपाल चावला, सरदार मक्खन सिंह, मोंटी अरोड़ा, सुभाष चंद्र, राजेश्वर, संदीप कुमार, चरणजीत सिंह कक्कड़़, नरेश कुमार, अशोक कुमार आदि नागरिक मंच के सदस्यों ने नाले के निर्माण के बजट, सफाई तथा जल निकासी पर खर्च किए गए करोड़ों रुपए की जांच सतर्कता विभाग हरियाणा से करवाने काअनुरोध किया है। जिससे अधिकारियों जनप्रतिनिधि ठेकेदार की नापाक गठजोड़ की कलई खुल सके तथा सरकार को व जनता को चूना लगाने वाले दोषियों को उनके किए की सजा मिल सके।
एसडीएम के हस्तक्षेप से प्रशासन ने समस्या का संज्ञान लिया।:-
आज कस्बा में जगह-जगह पानी भरने तथा लोगों के घरों में पानी घुसने की सूचना डिजिटल माध्यम से एसडीएम गिरीश चावला को दी गई, जिससे एसडीएम महोदय ने प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए ।अधिकारी की डांट पड़ने पर प्रशासन ने आनन-फानन में कर्मचारियों को स्थिति का जायजा लेने के लिए तथा जल निकासी को सुचारू बनाने के लिए मौके पर भेजा, जिससे अस्थाई रूप से कुछ क्षेत्रों में थोड़ी राहत अनुभव की गई ।कस्बा वासियों ने उपमंडल अधिकारी से जल निकासी की समस्या का स्थाई हल निकालने की गुहार लगाई है।