लंबी दूरी की निजी यात्री बसो के आवाजाही पर उठ रहे प्रश्नात्मक सवाल ?आरटीओ मौन
लंबी दूरी की निजी यात्री बसो के आवाजाही पर उठ रहे प्रश्नात्मक सवाल ।आरटीओ मौन 

होश्ंागाबाद:- ( योगेश सिंह राजपूत ) - कोरोना जांच के लिए निजी यात्री बस को रोके जाने को लेकर ना तो हमारे यहाॅ कोई जांच नाका बना है और ना ही यात्रीयो की टेस्टिंग की जाती है कौन सा यात्री कहाॅ जा रहा है कहाॅ से आ रहा है क्या वह स्वस्थ्य है ? इस संबंध में जानकारी लेना वाला कोई नही है। इस संबंधित विभाग के अधिकारी तो काफी समय से शहर के आजू बाजू भी नही दिख रहे है ? सूत्रो के अनुसार शायद विभाग के कर्मचारी कारोना हो गया है ? शहर पर स्थित बैरियर तो बने है मगर किस लिये कोई नही जानता ? जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के नागपुर तक चलने वाली निजी यात्री बस माला गोदाम से लेकर चलती है और पूरी रात सफर करके शहर में आती है ?वही बस सवार यात्रीयो की आरटीपीसीआर कोरोना की जाॅच होती है कि नही कोई देखने वाला नही है आखिर हमारे शहर में विभिन्न महानगरो से आने वाली बसो में कोरोना बेरूोक टोक फ्री में यात्रा क्यो कर रहा है ? 
आखिर बसो को जांच के लिए क्यो नही रोका जाता है। जिला प्रशासन के निर्देश के मुताबिक बस में सवार यात्रियों से आरटीपीसीआर कोरोना जांच रिपोर्ट कराना और रिपोर्ट प्रस्तुत महत्वपूर्ण है। मगर देखने वाला का पता नही तो रिपोटो मंे पैसे क्यो लगाये ? आखिर आरटीओ क्यो कार्यवाही करने से पीछे है इस तरह के कई प्रश्न उठ रहे है आखिर जाबदार किस तरह अपने कर्तव्य से मुह फेर रहे है? आखिर जनता को आपका ही आसरा है ? कार्यवाही नही होगी तो कोरोना कैसे खत्म होगा ? कैसे कई सबालिया प्रश्न है ?