न्यूज एसीपी की सबसे बड़ी खुलासा खबर
होष्ंागााबद:- ( योगेष ंिसह राजपूत ) विष्वसूत्रो के अनुसार होष्ंागाबाद में मरीज बिकते हैं। चैंकिए नहीं...। ये हकीकत है...। इनकी दुकानें हैं। मंडियां हैं, जहां बाकायदा सौदा होता है। दूसरे जिलों से लाए गए मरीजों की बोली लगती है। निजी अस्पताल से ऑफर दिया जाता है। एक मरीज के इलाज में वसूली जाने वाली रकम का 30- 35 प्रतिशत हिस्सा। आजकल इन मंडियों में यही भाव चल रहा है। आप इसे दलाली कहिए, या कमीशन कहिए पर ये धंधेबाजों के लिए इंसेंटिव है! आए दिन ऐसी खबरें आती हैं कि मरीज को बिल भुगतान न करने पर बंधक बना लिया गया। उससे वसूली की। दलाल निजी अस्पताल तक पहुंचा गया। मसलन, वहां भीड़ बहुत है। डॉक्टर ध्यान नहीं देते। डॉक्टर की लापरवाही से ये मर गया था... वो मर गया। फिर अच्छे इलाज का भरोसा देकर वहां पहुंचा दिया जाता है जहां उनकी सेटिंग होती है। जहां उन्हें मोटा कमीशन मिलता है। आखिर इन खबरों के पीछे हकीकत क्या है, कितना बड़ा नेटवर्क है सूत्रो के अनुसार यह जानने के लिए हमने पड़ताल की। करोना काल में बढिया ईलाज और सर्वसुवधिा देने के लिए जिले में अन्य जिलो के मरीजो को मोटी मोटी रकम एठ कर भर्ती किया जाता है उन्हे सारी सुख सुविधा दिये जाने का पूर्ण विष्वास दिलाया जाता हैं ऐसा खेल हमारे जिले में खुले आम चल रहा है। आखिर सरकारी तंत्र दिन -रात जी -जान से करोना की रोकधाम में लगा है वही हॅापिस्टलो में खुले आम चाॅदी काट रहे है। आपको भरोसा नही होगा मगर इन हाॅस्पिटो के सामने खड़े वाहन पूरी कहानी बया कर देगे कि मरीज कहाॅ से आया है ? गाडी का नम्बर क्या है ? आखिर इतने मरीज विभिन्न जिलो से छोटा जिले में इलाज के लिए क्यो आना पड़ा क्या बात है ? क्या कारण है ? देखना है कि आखिर क्या कार्यवाही होती है ? या फिर इसी तरह खेल चलता रहेगा ? बेजारी जनता और जनता के सेवक दिन रात महामारी की लडाई लडते रहेगे ? और चाॅदी दलाल काटे ?