प्रतिवर्ष नर्मदापुरम गौरव दिवस मनाया जायेगा-मुख्यमंत्री श्री चौहान

प्रतिवर्ष नर्मदापुरम गौरव दिवस मनाया जायेगा-मुख्यमंत्री श्री चौहान
 
नर्मदापुरम् के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोडेगे

सभी के सहयोग से मध्यप्रदेश को देश का ही नही दुनिया का श्रेष्ठतम राज्य बनायेगें

मुख्यमंत्री श्री चौहान से होशंगाबाद का नामकरण ’’नर्मदापुरम’ किया

नर्मदापुरम्/08,फरवरी,2022/ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नागरिकों  से अपील की है कि वे जहॉ रहते हे उस गॉव व शहर का गौरव दिवस जरूर मनायें। गौरव दिवस किस तिथि को मनाना है यह सर्व सम्मति से तय किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान नर्मदापुरम् के सेठानी घाट पर होशंगाबाद का नामकरण ’’नर्मदापुरम’’ करने के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने इस अवसर पर जिले के बाबई का नामकरण माखननगर करने की भी घोषणा की।  मुख्यमंत्री श्री चौहान इस अवसर पर कहा कि आज उनका वर्षो पुराना संकल्प पूरा हुआ है और सभी नागरिको को सपना साकर हुआ है। उन्होने कहा कि अब संभाग के साथ-साथ जिला व शहर का नाम भी नर्मदापुरम हो गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसे अपने चौथे कार्यकाल एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताई।     
      मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज सेठानी घाट होशंगाबाद पर माघ शुक्ल सप्तमी नर्मदा जयंती के अवसर पर अपनी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ सायं मां नर्मदा का अभिषेक पूजन एवं आरती की। इस अवसर पर संसद श्री राव उदय प्रताप सिंह, विधायक डॉ सीतासरन शर्मा,  सोहागपुर विधायक श्री विजय पाल सिंह, पिपरिया विधायक श्री ठाकुर दास नागवंशी, सिवनीमालवा विधायक श्री प्रेमशंकर वर्मा, म.प्र.खादी ग्रामोघोग बोर्ड के अध्य क्ष श्री जीतेंद्र  लिटोरिया, म.प्र. सामान्यर वर्ग आयोग कल्याण के अध्यवक्ष श्री शिव चौबे, श्रीमति माया नारोलिया, श्री दर्शन सिंह चौधरी,  सहित अन्य जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे।

प्रकृतिक खेती कर व पौधारोपण कर मॉ नर्मदा का कर्ज चुकायें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहॉ कि मॉ नर्मदा का प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद अर्थात जी.पी.डी.पी.में 20 प्रतिशत योगदान है। मॉ नर्मदा से जहॉ प्रदेश के दर्जन भर  से अधिक जिलो में मॉ नर्मदा से जहॉ पेयजल व सिंचाई का जल मिल रहा है, वहीं प्रदेश में विधुत उत्पादन में भी मॉ नर्मदा का महत्वपूर्ण योगदान है। अतः हम नर्मदा तट वासियों का भी कर्तव्य है कि प्रकृतिक खेती करें क्योकि खेतो में रसायनिक उर्वरको के प्रयोग से नर्मदा प्रदूषित हो रही है। उन्होने कहॉ कि किसान अपने पूरे खेत नही तो कम से कम एक चौथाई खेत में प्राकृतिक खेती अवश्य करें। 

विशेष अवसरों पर पौधा अवश्य लगाएं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहॉ कि गत एक वर्ष से वे नियमित रूप से प्रतिदिन पौधा रोपण कर रहे है। इसी तरह नर्मदा तट  के सभी निवासी प्रतिदिन न करें तो कम से कम घर में जन्म दिन व शार्दी की वर्षगाठ जैसे- खुशियें के अवसर पर पौधा अवश्य लगाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपस्थित नागरिको से दोनो हाथ उट बाकर पौधा रोपण व प्रकृतिक खेती संकल्प दिलाया। उन्होने से सभी नागरिको से अपील की गॉव व शहरो में नशा मुक्ति व स्वच्छता के लिए सभी मिलकर अभियान प्रारंभ करें। 

नर्मदा एक्सप्रेस वे से विकास के नए द्वार खुलेंगे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नर्मदा के उदगम अमरकंटक से लेकर गुजरात तट तक नर्मदा एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है। इस मार्ग के दोनो और उद्योग स्थापित किये जायेगे।नर्मदा एक्सप्रेस से विकास के नए द्वार खुलेंगे

विधायक डॉ सीतासरन शर्मा ने कहा कि हम कृतज्ञ है आभार व्यक्त करते  हैं

विधायक डा सीतासरन शर्मा ने मुख्यमंत्री जी ने हमारे क्षेत्र के लिए बहुत कुछ दिया है। शहर का नाम नर्मदापुरम नाम किया है हम उनके प्रति कृतज्ञ हैं। 700 करोड़ दिए थे जिससे सेठानी घाट की खोह भरवाई है। 100 वर्ष के लिए सुरक्षित हो गया है। रसूलिया का ओवर ब्रिज बनकर तैयार हो गया। सीएम राइज स्कूल दिया है। भौतिक उन्नति करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दशहरा मैदान का भी डीपीआर बन चुकी है। इटारसी में बस स्टेंड और सब्जी मंडी भी तैयार हो रही है। भौतिक उन्नति के साथ सांस्कृतिक विरासत के रूप में गौरव अापने दिया है। मां नर्मदा की कृपा से कृत कृत हुए हुए हैं। क्षेत्र में अनेक पुलाें का निर्माण मुख्यमंत्री ने कराया है।       

विकास के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ी

सांसद राव उदय प्रताप ने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर है। शहर की पृष्ठभूमि मां नर्मदा के प्रति जो भाव था उसके अनुरूप नर्मदापुरम नाम करने में जननायक मुख्यमंत्री ने विशेषयोग दान दिया है। मुख्यमंत्री ने 1700 करेाड़ की  सिंचाई की परियोजना दी है। डीपीआर बन रही है। मुख्यमंत्री ने संसदीय क्षेत्र में इतने पुल बनवा दिए जितने पूरे मप्र में नहीं बने। विकास के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ी है।


नर्मदा जयंती की झलकिया 

-मुख्यमंत्री के मंच पर आते ही नर्मदेहर के जयघोष के साथ आतिशबाजी शुरू हो गई। 
-मंच के सामने बार-बार शंख बज रहे थे।
-मंच के पास धन्यवाद आभार के पोस्टर लेकर शहरवासी मुख्यमंत्री को धन्यवाद दे रहे थे।
- सुरवाणी संस्था और वीणापाणि संस्था के द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई।
-जल मंच के पास फब्बारा का रंग तिरंगा होने पर आकरर्षित कर रहे थे।
-आचार्य पं सोमेश परसाई ने पूजन के दौरान कहा कि नर्मदापुरम के वासी हैं यही हमारी काशी है। 


मां नर्मदा के जन्मोत्सव पर जगमगाए घाट और जलधारा, अलौकिक हुआ नर्मदापुरम का नजारा  

होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम नाम होने पर जिले वासियों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार

दोेगुनी खुशी के साथ मनाई गई नर्मदा जयंती

नर्मदापुरम /नर्मदा जयंती महोत्सव का मुख्य समारोह सेठानी घाट पर आयोजित गया। लेकिन यह महोत्सव सिर्फ घाट का ही महोत्सव नहीं रहा। घर-घर का महोत्सव बन गया। इस बार की नर्मदा जयंती पर जिलेवासियों में दोगुनी खुशी का माहौल था। एक तो नर्मदा जयंती की खुशी और दूसरी होशंगााबाद का नाम नर्मदापुरम होने की खुशी। नर्मदा जयंती महोत्सव उमंग, उल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। नर्मदापुरम वासियों ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति दिल से आभार व्यक्त किया। जन्मोत्सव पर मां नर्मदा के तट के प्रमुख घाटों पर विशेष विद्युत साज सज्जा की गई जिससे रंग बिरंगी रोशनी से घाट जगमग हो रहे थे। बड़ी संख्या में दीपदान किया गया। सेठानी घाट सहित अन्य घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स लगाया गया। बीते एक सप्ताह से नर्मदा जन्मोत्सव की तैयारी की जा रही थी।

चार स्थानों से किया गया सीधा प्रसारण

नर्मदा जयंती के मुख्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण शहर के चार प्रमुख स्थानों से किया गया। जिनमें पर्यटन घाट, इंदिरा चौक, जय स्तंभ और सतरस्ता पर एलईडी लगाई गई। जहां से लोगाें ने जलमंच तथा सेठानी घाट पर हो रहे कार्यक्रम का आनंद लिया।

चार स्थानों पर की विशेष सजावट 

सेठानी घाट को आकर्षक रूप दिए जाने के अलावा शहर के चार प्रमुख स्थानों पर विशेष साज सज्जा की गई। जिसमें सतरस्ता, जय स्तंभ, श्यामाप्रसाद मुखर्जी प्रतिमा के पास तथा इंदिरा चौक पर लाइटिंग और रंग बिरंगे कपड़ों से सजावट की गई जो देखते ही बन रही थी। 

घाटों पर सजाए गए विशेष द्वार

नर्मदा तट के सेठानी घाट पर विशेष द्वार तैयार किया गया। पर्यटन घाट कोरी घाट के साथ ही सर्किट हाउस घाट पर भी द्वार सजाए गए। यहां पर तोरण द्वार लगाए गए। फूलों की मालाओं से भी सजावट की गई।   
 
दोपहर में मना जन्मोत्सव

सुबह के समय नर्मदा जी की पूजन अर्चन की गई उसके बाद दोपहर में नर्मदा तट के सेठानी घाट, मोरछली चौक के नर्मदा मंदिरों में मां नर्मदा की आरती की गई। नर्मदाष्टक का सामूहिक पाठ किया गया। इसी तरह नित्य आरती स्थल पर पूजन अर्चन कर जन्मोत्सव मनाया गया।

नर्मदा जन्मोत्सव घर-घर का उत्सव 

नर्मदा जन्मोत्सव की विशेषता यह है कि यह सिर्फ घाट पर ही नहीं घरों-घर का उत्सव बन गया है। इस मौके पर शहर के लोगों ने अपने घरों में भी दीपक जलाए। खुशियां मनाई। एक दूसरे को नर्मदा जयंती और नर्मदापुरम होने की शुभकामनाएं दी।     

12 स्थानों पर लगे बेरीकेटस

यातायात व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन के द्वारा शहर के 12 प्रमुख स्थानों पर बेरीकेटस लगाए गए। जिनमें एसएनजी स्कूल के पास, एकता चौक के पास, सतरस्ता के पास, मोरछली चौके के पास, हलवाई चौक के पास, सराफा चौक, सुभाष चौक, शनि मंदिर के पास वेरीकेटस लगाए गए।  यातायात एवं पार्किंग के पुख्ता इंतजाम रहे।

निर्झरणी महोत्सव ने समां बांधा

जन्मोत्सव व पूजन अर्चन के बाद सेठानी घाट के भरत मिलाप फर्श पर सांस्कृतिक संध्या के तहत निर्झरणी महोत्सव ने समां बांध दिया। घाट पर मौजूद दर्शकों का मन मोह लिया। पवित्र मां नर्मदा के प्रति धन्यता के इस निर्झरणी महोत्सव का आयोजन मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के तत्वावधान में जिला प्रशासन व नगर पालिका के सहयोग से किया गया। इस कार्यक्रम में सुश्री लता सिंह मुंशी एवं साथी द्वारा नर्मदा नृत्य-नाटिकाओं की आकर्षक प्रस्तुति की गई जिसमें श्री कपिल शर्मा एवं साथी द्वारा नृत्य-नाटिका के साथ ही गायन की प्रस्तुति दी गई जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

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