बराड़ा, 10 फ़रवरी(जयबीर राणा थंबड़)
मुलाना क्षेत्र में गत दिनों हुई बेमौसमी बारिश के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह तबाही के कगार पर हैं। अधिकांश किसानों की पूरी फसल पानी में डूबी हुई है। ऐसे में प्रशासन को तुरंत प्रभाव से किसानों को हुए नुकसान का आँकलन करने के लिए गिरदावरी करवाने की टीमें गठित कर स्पेशल गिरदावरी करनी चाहिए थी ताकि कृषकों को हुए नुकसान की कुछ भरपाई हो सके परन्तु आज तक क्षेत्र के किसी भी किसान की फ़सल के नुकसान की कोई गिरदावरी प्रशासन द्वारा नही करवाई गई।जबकि प्रदेश के कई जिलों में बारिश से हुए नुक़सान के आँकलन हेतु सरकार द्वारा स्पेशल गिरदावरी करवाई जा रही है।सरकार इस क्षेत्र के किसानों के हुए नुक्सान की स्पेशल गिरदावरी में देरी क्यों कर रही है।यह बात मुलाना हल्के से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही। उन्होंने कहा कि गत दिनों भारी बारिश से किसानों की फसलों का पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है,और अब बारिश व ओलावृष्टि ने जिस तरह से किसानों पर कहर बरपाया है उससे किसानों के सामने भीषण आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि से जहां आलू, गेहूं, सब्ज़ी व पशु चारे आदि फसल को नुकसान पहुंचा वहीं पिछले दिनों तेज हवा चलने से सरसों, तोडिया व गन्ने की फसल खेतों में पूरी तरह से बिछ गई है। चारे की फसल खराब होने से पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है।बरसात के कारण हुए जलभराव से सबसे ज्यादा नुकसान आलू उत्पादक किसानों को हुआ है।विधायक ने कहा कि प्रदेश के अन्नदाता को कहीं पर तो मौसम की मार पड़ी है तो कहीं पर सरकारी कुप्रबंधन की मार झेलनी पड़ रही है।सरकार की अनदेखी के कारण ही किसानों को डीएपी नहीं मिल पा रही।अब यूरिया और सूरजमुखी के बीज के लिए उनके चक्कर कटवाए जा रहे हैं।विधायक ने कहा कि किसानों की फसलों के खराबे के नुकसान की भरपाई ना तो सरकार कर रही और ना ही बीमा कंपनियां,बीते सीजन में भी बारिश व जलभराव से क्षेत्रवासियों की हजारों एकड़ से ज्यादा फसलों को नुकसान हुआ था। जिसका मुआवजा भी किसानों को अभी तक नहीं मिल सका है। जिस कारण किसानों को पिछली फसल का तो नुकसान हुआ ही, इस सीजन में भी वह बुवाई नहीं कर सके। ऐसे में सरकार को उन किसानों के लिए डबल मुआवजे का ऐलान कर अभी हुई बारिश व ओलावृष्टि से खराब फसलों की तुरंत स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को तुरंत उचित मुआवजा दें।ताकि किसानों पर आए आर्थिक संकट को दूर किया जा सके।