दुनिया का सबसे बड़ा आत्मनिर्भर आपदा मोचन बल घाट पर करेगा मॉकड्रिल

 

दुनिया का सबसे बड़ा आत्मनिर्भर आपदा मोचन बल घाट पर करेगा मॉकड्रिल
एनडीआरएफ के 40 कर्मचारियों सहित कई विभाग होंगे शामिल


खरगौन | 
   प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला बल हमारे जिले में मॉकड्रिल करने के लिए तैयार है। यह बल दुनिया का सबसे बड़ा एकमात्र पूर्णतया आत्मनिर्भर आपदा मोचन बल है। हाल ही के वर्षों में इस बल ने आपदा के समय अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसका सबसे ज्यादा परिणामकारी और आपदा में बचाव और राहत का कार्य वर्ष 2013 में केदारनाथ में प्राकृतिक आपदा में देखने को मिला। 11वी एनडीआरएफ के 40 अधिकारी कर्मचारी खरगोन जिले के महेश्वर शहर में अपनी आगामी मॉकड्रिल की प्रारंभिक तैयारियां कर रहा है। आगामी 21 और 22 दिसम्बर को न सिर्फ आपदा से संबंधित विभागों के लिए महत्वपूर्ण होगा बल्कि आम नागरिकों के लिए भी 22 दिसम्बर को होने वाली मॉकड्रिल उपयोगी साबित हो सकता है।
21 को विभागों के साथ बनेगी मॉकड्रिल की योजना
   एनडीआरएफ के सूबेदार श्री नागेंद्र सिंह ने बताया कि 21 दिसम्बर को जिले के सभी महत्वपूर्ण विभागों के साथ टेबल टॉप एक्सरसाइज महेश्वर के अनुविभागीय कार्यालय के सभागार में  12 बजे होगी। इसमें 22 दिसम्बर को अहिल्याबाई घाट पर 11 बजे होने वाली जॉइंट मेगा मॉक की तैयारियों के बारे में विस्तार से रूपरेखा तैयार होगी। इसमें विभागों को दायित्व सौंपे जायेंगे। इस दिन सभी विभागों के प्रभारी अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
   22 दिसम्बर को होने वाली मेगा मॉक के दौरान महेश्वर के अहिल्या घाट पर प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से निपटने और राहत का असल प्रदर्शन होगा। इसमें विभागों के अलावा एनसीसी, नेहरू युवा केन्द्र, नगर परिषद के फायर ब्रिगेट सहित कर्मचारी भी शामिल होंगे।
खतरनाक गैस रिसाव या बड़ी इमारत में आग लगने के बाद कैसे जनहानि को बचाये
   11वी एनडीआरएफ ने महेश्वर से पहले उप्र के लखनऊ में इन तरह की मॉकड्रिल की थी। महेश्वर में आयोजित होने वाली मॉकड्रिल में किसी खतरनाक गैस रिसाव या बड़ी और ऊंची इमारत में आग लगने या बाढ़ के समय जनहानि से बचाने के लिए की जाने वाली गतिविधियों को बताया जाएगा। ऊंची इमारत में आग में फंसे बच्चों, महिलाओं, पुरुषों और बुजुर्गों को कैसे बचाया जा सकता है। वहीं किसी आपदा में प्रभावित या हताहत हुए लोगों को कैसे निकाला जाए तथा किसी रासायनिक गैस के रिसाव के बाद उसके प्रभाव को कम करने के लिए तत्कालीन उपाय क्या करने चाहिए ? आदि तरह से तैयार रहने की युक्ति का मॉकड्रिल किया जाएगा।

खरगोन से अजय जैन की खास रिपोर्ट