धान मिलिंग कार्य की गति बढ़ायें मिलर्स : कलेक्टर |
अनुबंधित धान मिलर्स की बैठक |
सतना | 16-दिसम्बर |
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने जिले के अनुबंधित धान मिलर्स को शासकीय धान की मिलिंग कार्य में गति लाते हुए निर्धारित लक्ष्यानुसार अपेक्षित प्रगति लाने के निर्देश दिए हैं। धान मिलिंग के लिए अनुबंधित मिलर्स की समस्याएं सुनते हुए कलेक्टर ने निराकरण के निर्देश दिए। इस मौके पर अपर कलेक्टर राजेश शाही, डीएम नाम दिलीप सक्सेना, जिला आपूर्ति अधिकारी केके सिंह सहित एफसीआई के अधिकारी भी उपस्थित थे। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि मिलिंग नीति के अनुसार अनुबंधित प्रत्येक मिलर्स को अपनी क्षमता अनुसार 30 प्रतिशत शासकीय मिलिंग करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सतना जिले में मिलर्स की संख्या अधिक होने के बावजूद कम संख्या मिलर्स वाले जिलों से प्रगति कम है। सभी मिलर्स अपनी अधिकतम गति बढ़ाकर मिलिंग कार्य में तेजी लाएं। कलेक्टर ने कहा कि वर्तमान में धान उपार्जन का कार्य भी चल रहा है। उपार्जन नीति के अनुसार नॉन-एफएक्यू धान नहीं खरीदा जाएगा, ताकि धान और चावल की गुणवत्ता अच्छी बनी रहे। उन्होंने बताया कि उपार्जित धान का संग्रहण कबर्ड गोदाम में प्राथमिकता से किया जाएगा। इसके बाद आवश्यकता होने पर ओपन कैप में भंडारण लास्ट प्रायोरिटी होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विद्युत आपूर्ति और बारदानों के संबंध में आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन मिलर्स को दिया गया। जिला प्रबंधक नान दिलीप सक्सेना ने बताया कि गत वर्ष जिले में 3 लाख 81 हजार एमटी धान का उपार्जन हुआ था। जिसकी मिलिंग के लिए 61 मिलर्स अनुबंधित किए गए थे। मिलिंग के लिए अब तक 2 लाख 34 हजार 339 एमटी धान का उठाव हुआ है। अब तक मिलिंग का प्रतिशत 62 प्रतिशत है। मिलिंग के लिए 1 लाख 42 हजार 75 एमटी धान अभी भी शेष है। एफसीआई में जमा कराई गई सीएमआर की मात्रा 87 हजार 676 एमटी है। उन्होंने बताया कि लगभग 20 अनुबंधित मिलर्स ऐसे हैं। जिन्होंने 30 प्रतिशत से कम मिलिंग कार्य किया है। वर्तमान में एक लाख 25 हजार मैट्रिक टन धान मिलिंग के लिए शेष बचा है। मिलर्स पूरी क्षमता के साथ मिलिंग करें तो एक माह में लगभग 50 हजार एमटी धान की मिलिंग की जा सकती है। |