नहीं खुलते आंगनबाड़ी केंद्र नहीं मिलता है पूरक पोषण आहार।
 बलरामपुर छत्तीसगढ़ ‌।  नहीं खुलते आंगनबाड़ी केंद्र नहीं मिलता है पूरक पोषण आहार।            बलरामपुर रघुनाथ नगर से राजेश कुमार देवांगन की रिपोर्ट  परियोजना रघुनाथ नगर के दो-तीन किलोमीटर ग्राम कर्म डीहा कहने को तो मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र कहां जाता है लेकिन सिर्फ कागजों पर क्योंकि यहां के आंगनबाड़ी सिर्फ घर बैठे वेतन उठा रही हैं और अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठ रही है लेकिन अपने कामों का निर्वहन नहीं कर रही है शासन को चाहिए ऐसे आंगनबाड़ी केंद्रों की देखरेख करने के लिए अधिकारी कर्मचारी एक-दो दिन में दौरा करते रहे ताकि बच्चे जिन्हें देश का भविष्य कहा जाता है ऐसे बच्चे सुपोषित रहे सरकार एक तरफ बच्चों को सुपोषण योजना के तहत गरम भोजन रेडी टू ईट लड्डू अंडा आदि का वितरण करवाती है लेकिन आंगनबाड़ी के लापरवाही से लाभार्थी बच्चों को उनका हक उनको नहीं मिलता क्योंकि आंगनबाड़ी केंद्र खुलते ही नहीं तो बच्चे कैसे आएंगे सुपोषण योजना के तहत गर्भवती माताएं भी लाभार्थी हैं इनको भी योजना का लाभ नहीं मिल पाता जब से रघुनाथ नगर परियोजना में नया परियोजना अधिकारी पदभार ग्रहण किए हैं तब से ऐसी स्थिति आंगनबाड़ी केंद्रों की बनी है क्या वजह है कि पहले आंगनवाड़ी केंद्र खुलते थे अब कभी-कभी केंद्र खुलते हैं इंदिरा महिला स्व सहायता समूह कर्म डीहा रेडी टू ईट के संचालक निर्मल पटेल जोकि रेडी टू ईट का वितरण करते हैं हितग्राहियों का कहना है कि रेडी टू ईट का पैकेट फटा मिलता है कभी-कभी तो इसमें कीड़े भी मिल जाते मिलते हैं अगर इस तरह का रेडी टू ईट वितरण होगा तो बच्चे खाकर बीमार पड़ जाएंगे इसका जिम्मेदार कौन होगा अधिकारी कर्मचारी या रेडी टू ईट के संचालक ऐसे संचालकों को ध्यान में रखते हुए इन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए और इनके स्थान पर नए संचालक को रेडी टू ईट वितरण करने की जिम्मेदारी दी जाए ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र जो कभी-कभी खुलते हैं इनमें मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र भरहीबास खास सुगा पारा आंगनवाड़ी केंद्र उरांव पारा आंगनबाड़ी केंद्र कर्म डीहा सल्याटोला आंगनवाड़ी केंद्र ऐसे हैं जो कभी-कभी खुलते हैं