साफ्टवेयर या एप को इंस्टाल करने से पहले विश्वसनीयता की परख जरुर करें- दीपक गहलावत
साफ्टवेयर या एप को इंस्टाल करने से पहले विश्वसनीयता की परख जरुर करें- दीपक गहलावत

पुलिस प्रशासन ने साइबर ठगी को लेकर जारी की एडवाइजरी,सतर्क रहने का किया आह्ववान 


चरखी दादरी (उमेश सतसाहेब)


चरखी दादरी- पुलिस अधीक्षक श्री दीपक गहलावत ने जानकारी देते हुए बताया कि स्मार्टफोन के साथ साथ जैसे ही तकनीक आगे बढ रही है वैसे ही सुविधाओं में भी ईजाफा हो रहा है । नए- नए एप, साफ्टवेयर और प्रोद्योगिकी के बढते विकल्प मोबाइल या डिवाइस को अत्याधुनिक बना रहे हैं । लेकिन इसके साथ ही मोबाइल को निशाना बनाने वाले साइबर अपराधियों का प्रचलन भी खासकर नकली एप और नकली साफ्टवेयर बनाकर साइबर अपराध करने के रुप में बढता जा रहा है । नकली एप या नकली साफ्टवेयर साइबर अपराधियों द्वारा डाटा चोरी करने के लिए बनाए जाते हैं । इनका लुक और फंक्शन बिल्कुल असली ऐप व साफ्टवेयर की तरह बनाए जाते हैं, जिनमें केवल नाममात्र अंतर होता है, जिनकी पहचान आसान नहीं होती है । अगर कोई इन नकली एप या साफ्टवेयर को डाउनलोड कर लेता है तो यह डाटा तक पहुंचने के लिए अनुमति का अनुरोध करते हैं ।

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नकली एप या साफ्टवेयर की पहचान कैसे करें और इनसे कैसे बचें


किसी एप या साफ्टवेयर को डाउनलोड करने से पहले उसकी जारी होने की तारीख की जांच कर लें। अगर कोई नयी एप थोडे समय में ज्यादा लोगों द्वारा डाउनलोड की गई है तो यह एक नकली एप होंने का संकेत हो सकता है ।किसी एप या साफ्टवेयर को डाउनलोड करने से पहले उसके डेवलपर के बारे में शोध करने के लिए अतिरिक्त समय लें । इस तरह की जानकारी आप गुगल ब्राउजर पर खोज सकते हैं। जिससे पता चल जाता है कि यह विश्वसनीय है या नहीं । नकली एप या साफ्टवेयर डेवलपर्स नकली एप को उसकी एप के जैसा दिखने वाला बनाते हैं । इसलिए किसी एप को डाउनलोड करने से पहले प्रत्येक अक्षर को ध्यान से पढे और किसी भी गलत वर्तनी की तलाश करे । नकली एप आपके डाटा संबंधी ज्यादा परमिशन मांगते है जिसकी वास्तव में जरुरत नहीं होती है। कोई भी परमिशन देने से पहले उसकी आवश्यकता है या नहीं उसकी जांच कर लें । अपने डिवाइस में साफ्टवेयर अपडेट केवल अपनी डिवाइस की सेटिंग से ही करें। कोई भी संदिग्ध वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफार्म या आपके सिस्टम को अपडेट करने का वादा करने वाली एप से भी अपनी डिवाइस को अपडेट न करे । अपनी डिवाइस को हमेशा अपडेट करके रखें या वायरस से सुरक्षित रखने के उच्च गुणवत्ता वाला एंटी वायरस इंस्टाल करके रखें । अज्ञात साफ्टवेयर या एप डाउनलोड ना करे । आनलाइन या ईमेल के माध्यम से पेश किए जाने वाले मुफ्त साफ्टवेयर व एप्लिकेश के बारे में सतर्क रहें । ईमेल, वाट्सएप, इंस्टेंट मैसेज/टेक्स्ट या सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे फेसबुक और ट्विटर में साफ्टवेयर के लिंक, एप के लिंक या विज्ञापनों पर क्लिक न करें। अपने डिवाइस के एंटीवायरस या अन्य सुरक्षात्मक साफ्टवेयर को कभी भी निष्क्रिय ना करे । उन्हें बार बार और स्वचालित रुप से अपडेट करने को सेट करके रखें । नकली एप या साफ्टेवयर डेवलपर्स नकली एप को उसकी असली एप के जैसा दिखने वाला बनाते हैं । इसलिए किसी एप को डाउनलोड करने से पहले प्रत्येक अक्षर को ध्यान से पढें। यदि किसी व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का साइबर अपराध घटित हो जाता है तो इसकी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर https//www.cybercrime.gov.in, सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 155260 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है।