फिर विवादों में बृहस्पति सिंह : डिप्टी कलेक्टर से गालीगलौज और जूते से मारने की धमकी
*फिर विवादों में बृहस्पति सिंह : डिप्टी कलेक्टर से गालीगलौज और जूते से मारने की धमकी !*

*बलरामपुर रामानुजगंज:* कांग्रेस विधायक और सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बृहस्पति सिंह का विवाद से नाता खत्म नहीं हो रहा है. वायरल हो रहे कथित ऑडियो में विधायक अपील अवधि में जमीन पट्टे को जारी करने पर डिप्टी कलेक्टर से बदसलूकी कर रहे हैं. हालांकि, डिप्टी कलेक्टर सफाई दे रहे हैं कि स्टे नहीं होने की वजह से उन्होंने पट्टा जारी किया है, लेकिन विधायक उनकी एक भी न सुनते हुए बदसलूकी कर रहे हैं.
इस मामले में डिप्टी कलेक्टर प्रफुल्ल कुमार रजक ने कहा है कि वे रामानुजगंज में जनपद पंचायत सीईओ का काम देख रहे हैं. उनका कहना है कि,'' मैं तो बहुत ही अचंभित और स्तब्ध था. मेरे लिए बहुत ही पीड़ादायक था. मैंने पद के निर्वहन में काम किया है. सार्वजनिक काम के लिए मुझे सुनना पड़ रहा है तो उत्साह भी कम हो जाता है. मैं अपने लिए तो काम नहीं कर रहा हूं. मैं लोगों के लिए काम कर रहा हूं. विधिवत और नियमानुसार काम करने पर सुनना मुझे अच्छा नहीं लगा. शासन-प्रशासन एक धुरी हैं. दोनों के बीच में उलझन से लोगों में गलत संदेश जाता है.
*''फिर विवादों में विधायक बृहस्पति सिंह, सरगुजा के पत्रकारों को अनपढ़ कहने का आरोप"*
डिप्टी कलेक्टर प्रफुल्ल कुमार रजक ने यह भी कहा कि, ''मैंने कहीं शिकायत नहीं किया है. हम लोकसेवक हैं और वो जनप्रतिनिधि हैं. मैं उनका भी सम्मान करता हूं. इस मामले को तूल देना बेकार है. हम काम करना चाहते हैं. किसी मामले को तूल देने से काम बिगड़ता है, हमारा उद्देश्य प्रभावित होता है. हमें मिलकर काम करना है.'इधर विधायक बृहस्पति सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ बड़ी साजिश हो रही है. उन्होंने अधिकारी को गाली देने और धमकाने वाले ऑडियो को फर्जी बताया.
*पत्रकारों को 'अनपढ़' बोलने पर बृहस्पति सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ विरोध* प्रदर्शनबृहस्पति सिंह बीते एक महीने से चर्चा में बने हुए हैं. करीब तीन हफ्ते पहले उनके काफिले पर सरगुजा क्षेत्र में हमला हुआ था. जिस कार में खुद विधायक बैठे हुए थे, उसे रोककर चंद युवकों ने जमकर तोड़फोड़ करने के साथ मारपीट का भी प्रयास किया था. घटना के लिए विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव पर गंभीर आरोप लगाए थे.

*रामानुजगंज से सौरव कुमार चौबे की रिपोर्ट*