पंचायत सचिव फकीर चंद के टालमटोल रवैये से अवैध कब्जा मुक्त नहीं हो रहे थंबड़ के तालाब व जोहड़
पंचायती राज और बीडीपीओ सहित प्रशासन के प्रति फैला रोष
प्रधानमंत्री को मामले से अवगत कराने का बनाया मन
बराड़ा, (जयबीर राणा थंबड़)। सात साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए 'स्वच्छ भारत अभियान' का दम उपमंडल के गांव थंबड़ में पूरी तरह से घुटा पड़ा है और उस पर सोने पे सुहागा गांव में भूमाफियाओं द्वारा तालाबों और जोहड़ो पर अवैध कब्जे भी किए जा रहे हैं, जिसको छुड़वाने के लिए गांव वासी पिछले डेढ़ साल से संघर्षरत हैं परन्तु पंचायत सचिव फकीर चंद के टालमटोल रवैये और अवैध कब्जाधारियों को मूक समर्थन के कारण गांव की साफ-सफाई व्यवस्था और तालाबों-जोहड़ों सहित पंचायती जमीनों पर किए जा रहे अवैध कब्जों को पूरी तरह से मुक्त करवाने की दिशा में कोई सख्त कार्रवाई नहीं जा रही, जिस कारण गांव वासियों में पंचायती राज, बीडीपीओ सहित प्रशासन के प्रति गहरा रोष पनपता जा रहा है, जिसका परिणाम गांववासियों द्वारा संभवतः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संज्ञान में यह मामला लाना ही शेष रह गया है, क्योंकि सीएम विंडो से लेकर उपमंडल प्रशासन, बीडीपीओ, पंचायती राज के अधिकारियों सहित पंचायत सचिव फकीर चंद से गांववासियों ने कईं मर्तबा इस विषय में कार्रवाई करने की प्रार्थना की गई, परन्तु पंचायत सचिव फकीर चंद के निजी प्रलोभनों के कारण गांव के तालाबों और जोहड़ो पर अवैध कब्जाधारियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि मुनादी द्वारा लोगों को अवैध कब्जे हटाने की सूचना देने व कार्रवाई करने की हिदायत अवश्य दी गई, परन्तु पंचायत सचिव व बीडीपीओ अपने ही आदेशों को अमलीजामा नहीं पहना पाए। अब तो लोगों ने अवैध कब्जों की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करने का मन बना लिया है ताकि ऊपर बैठे शीर्ष नेतृत्व को भी पता चले कि देश से जिस गंदगी और भ्रष्टाचार को समाप्त करने का जिम्मा उन्होंने जिन कर्मचारियों और अधिकारियों को सौंपा है, वह अपना काम कितना ईमानदारी से कर रहे हैं।
गांव वासियों में रोष है कि गांव के जिन रास्तों पर जोहड़ों और तालाबों पर लोगों ने कब्जा किया है और गंदा पानी रास्तों पर फैला है वह गांव के मुख्य रास्ते हैं और इसी राह से होकर गांव वासी खेड़ा मंदिर व माड़ी पर मात्था टेकने जाते हैं। इन रास्तों पर फैला गंदगी से गांववासियों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, जिसका कारण कि जो लोग अपने घरों से पवित्र तन-मन से अपने आराध्य का पूजन करने के लिए जिस रास्ते से जाते हैं, वहां का दुषित वातावरण उनके मन-मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और वहां पसरी गंदगी से उनके वस्त्रादि भी गंदे हो जाते हैं जिसकारण पूजा-पाठ की सामग्री व विधि विधान आदि रंग में भंग का काम करते हैं। गांववासियों का कहना है कि हर साल यहां बसेरे का मेला भरता है जहां दूर-दराज के श्रद्धालुओं के अलावा गांववासियों के रिश्तेदार भी यहां बसेरे में मात्था टेकने वह अपनी मन्नतें पूरी होने पर आते हैं, परन्तु गांव में फ़ैली गंदगी के कारण लोगों को अपने रिश्तेदारों के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है। गांव वासियों में रोष है कि इन सबके पीछे पंचायत सचिव फकीर चंद का अपना लालच है जो अवैध कब्जाधारियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि बार-बार बुलाने पर भी फकीर चंद गांव में दौरा नहीं कर रहा और गांववासियों के मिलने या फोन करने पर अपमानजनक व्यवहार करता है। गांव वासियों का आरोप है कि जहां-जहां भी फकीर चंद की ड्यूटी रही है वहां-वहां लोगों को ऐसी ही समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
उपमंडल बराड़ा के गांव थंबड़ में तालाबों व जोहड़ो पर हो रहे अवैध कब्जों को लेकर गांववासियों द्वारा प्रशासन से फिर एक बार जोहड़ों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की गुहार लगाई गई है ताकि लोगों को समस्या से निजात मिल सके।