आवारा मवेशियों के चलते जान जोखिम में डालकर रात दिन खेतों में फसल की सुरक्षा कर रहे किसान

हडिया इस वर्ष किसानों के लिए सोयाबीन गेहूं एबं मूंग की फसल की पैदावार लेने के लिए दिन रात जद्दोजहद करना पड़ रहा है सोयाबीन की फसल पूरी तरह से अतिवृष्टि के चलते बर्बाद हो जाने के बाद जहां हडिया क्षेत्र के कई किसानों को मुआवजा राशि कृषि मंत्री कमल पटेल के आदेश के बावजूद भी आज तक नहीं मिली वही इस बार ठंड कम पड़ने के चलते गेहूं का उत्पादन भी नाम मात्र का होने से किसानों को दूसरी फसल गेहूं की जिससे बड़ी ही आस रहती है बह भी इस बार समान रही ऐसे में नर्मदा तट के कई किसानों की आस मूंग की फसल पर टिकी हुई है वहीं हंडिया तहसील मुख्यालय पर 22 लाख की लागत से बनकर तैयार गौशाला 2700000 रुपए की लागत से वर्तमान में इसी गौशाला का नवीनीकरण का बड़े स्तर पर किया जा रहा है ऐसे में गौशाला शुरू नहीं होने से करीबन 100 से डेढ़ सौ आवारा मवेशी दिन-रात किसानों की मूंग की फसल में धमाचौकड़ी मचाए हुए एक और कोरोनावायरस महामारी फैली है ऐसे में लोग अपने घरों सेबहार  निकलने से डर रहे हैं वही 45 के तापमान के बाद कोरेना संकट से लड़ते हुए किसान अपनी जान जोखिम में डालकर सारा दिन रात खेतों में बैठकर अपनी फसल की सुरक्षा कर रहा है किसानों का कहना है कि इस संबंध में पंचायत तहसील थाना सभी को अवगत कराए जाने के बाद भी आज तक किसानों को तहसील स्तर पर किसी भी प्रकार की कोई प्रशासनिक मदद नहीं मिली जिसके चलते आज उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर फसल की सुरक्षा करना मजबूरी बन गया है किसनो का कहना है कि मूंग की फसल एक पखवाड़े के अंदर आ जाएगी ऐसे में किसानों द्वारा हजारों रुपए की लागत लगाने के बाद कोरेना संकट के बीच आई हुई फसल छोड़ने की किसान भी हिम्मत नहीं कर पा रहा है ऐसे में किसानों ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि आवारा मवेशियों की कोई स्थाई व्यवस्था की जाए जिससे की  किसानों के लिए परेशानी का सबब ना बने हंडिया गौशाला शुरू न होने की स्थिति में आवारा मवेशियों को किसी गौशाला में भिजवाया जाए वहीं सड़कों पर  आवारा छोड़ने वाले  ऐसे पशु मालिकों के विरुद्ध भी तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की जाए