मांग के अनुरूप अवैध शराब उपलब्ध कराए जाने का सिलसिला भी बदस्तूर जारी है।
लाकडाउन में गाॅव-गाॅव बन रही देसी शराब, विभाग बेखबर
होशंगाबाद:- होश्ंागाबाद से महज 20-30 किमी की दायरे में डोलरिया हथैड नदी और अन्य ग्रामों के अधिकांश हिस्से लाकडाउन में देसी व अंग्रेजी शराब दुकानें बंद होने के बाद अवैध रूप से इन शराबों की बिक्री जमकर हो रही है। गांवों में महुआ शराब बनाने और बेचने का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है। वहीं महंगे दाम में अवैध शराब उपलब्ध है। आबकारी और पुलिस विभाग की नाक के नीचे शराब की अवैध बिक्री धड़ल्ले से जारी है।
जिले में 24 अप्रैल तक घोषित लाकडाउन में पुलिस की मुस्तैदी के बावजूद नगर सहित अवैध महुआ शराब एवं अंग्रेजी शराब की बिक्री जारी है। 
करीब दो दर्जन स्थानों पर अवैध महुआ शराब बनाकर धड़ल्ले से बिक्री कर लाकडाउन के दिशा-निर्देशों का खुलकर उल्लंघन किया जा रहा है। ग्रामों से सटे शहरो में महुआ शराब के अवैध अड्डे धड़ल्ले से संचालित होने से कम उम्र के ग्रामीण बच्चे भी तेजी से शराब की लत के शिकार हो रहे हैं। शराब के अवैध कारोबार में तथाकथित पुलिस,आबकारी विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता से लाकडाउन में भी अवैध शराब बनाने एवं बेचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।

गांव के सैकड़ों घरों में अवैध महुआ शराब बनाने की कमान ग्रामीण महिलाओं ने संभाल रखी है। आबकारी महकमे एवं पुलिसिया सेटिंग के कारण इस अवैध कारोबार में लिप्त ग्रामीण ग्राहकों को घरों में बिठाकर शराब पिलाते हैं।
नशे के लिए मिलावट खतरनाक-
अवैध शराब बनाने के कार्य में लिप्त अधिकांश ग्रामीण महुआ शराब को जल्द बनाने तथा उसे नशीला बनाने जानलेवा रसायन एवं जड़ी बूटियों का मिश्रण करते हैं। खासकर यूरिया का मिश्रण शराब सेवन करने वालों के लिए स्लो पाइजन का काम करता है। ऐसे तथाकथित शराबों में अत्यधिक शराब सेवन से नशेड़ियों की अकाल मौतों का सिलसिला भी बदस्तूर जारी है। लाकडाउन की संभावना के मद्देनजर नशे की प्रवृत्ति के अपराधीनुमा युवकों द्वारा पहले से ही स्टाक कर रखी गई अंग्रेजी शराब की ऊंचे दर पर अवैध बिक्री की जा रही है। आदतन शराबियों को उनकी मांग के अनुरूप अवैध शराब उपलब्ध कराए जाने का सिलसिला भी बदस्तूर जारी है।

कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति-

पुलिस एवं आबकारी विभाग द्वारा समय-समय पर अवैध शराब धरपकड़ के नाम पर महज औपचारिकता पूरी की जाती है। पुलिस द्वारा अधिकांश मामलों में शराब बेचने वालों से दो, तीन या चार लीटर अवैध महुआ शराब बरामद कर कार्रवाई की जाती है। जबकि नगर सहित आसपास के ग्रामों में दर्जनों ऐसे कारोबारी है जो रोजाना 50 से 100 लीटर अवैध महुआ शराब की अवैध बिक्री करते हैं। पुलिस अथवा आबकारी महकमा ऐसे कारोबारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करता है। जिसके कारण आम लोगों में पुलिस की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगता है।