संभाग मुख्यालय होने के साथ-साथ होशंगाबाद साइबर क्राइम को रोकने के लिए होशंगाबाद पुलिस को अब ज्यादा चैकन्ना और सावधानी बरतने की जरूरत महसूस होने लगी शहर के हर तीसरे दिन शहर बाइक राम का एक मामला दर्द हो रहा है वह तो मामले में पुलिस के हाथ अभी खाली है क्योंकि साइबर पुलिस इतनी मजबूत नहीं है कि वह बिहार और अन्य राज्यों में बैठे साइबर ठगों को आसानी से पकड़ सके शहर वासियों को ठगों से रकम वापस दिलाने के लिए साइबर क्राइम के पास पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण ठग इनके हाथ नहीं लग पा रही हैं और ना ही लोगों को रकम वापस करवा पा रहे हैं लेकिन लोगो आशा कई दिनों तक बीतने के बाद खत्म हो जाती है शिकायतकर्ता एक दो बार पेपर्स वापस आने की खबर लेता है बाहर कुछ समय बाद मायूस होकर लुटते रहता है और राहत की उम्मीद करना बेईमानी होगी बैंक की जिम्मेदारी ज्यादा क्योंकि शहर में जितनी भी बैंक है बैंक से डिजिटल ट्रांजैक्शन करने के बारे में जितना प्रचार प्रसार करने पर जोर दिया जा रहा है उसी अनुपात में साईं का ठगी की वारदात भी बढ़ रही है इसे रोकने के लिए पुलिस बेबस नजर आ रही है हर एक-दो दिन में साइबर ठगी की शिकायत दर्ज की जाती है इन नामों को देने वाले ठग बिहार मुजफ्फरपुर एवं नेपाल जैसी जगहों पर बैठकर धड़ल्ले से ठगी करते हैं और थक करता को खुलेआम पुलिस को बताने की बात कहते हैं साइबर की बढ़ती शिकायत के बावजूद फोन पर गूगल पर भीम पर फोन पर अमेजॉन पर ओ एल एक्स पर जैसे सॉफ्टवेयर को बढ़ावा मिल रहा है इन माध्यम से जो लोग अवैध वसूली से जुड़े हुए हैं उन्हें रोकने की कोशिश भी सफल नहीं मिल पा रही है
होशंगाबाद पुलिस पर भारी पढ़ रहे बिहार दिल्ली राज्यों में बैठे ठग
• Aankhen crime par