उन्होंने कहा निकाह के मक़ासिद जुमे के बयानात में शामिल करें और उन्होंने कहा इस्लाम की घरेलू जिंदगी को आम लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी लें ताकि आइंदा ऐसे दिल सोज़ वाक्यात ना हो और कहां आजकल नौजवानों में दहेज को लेकर बहुत ज्यादा ज़हनी टॉर्चर करने के वाकयात सामने आ रहे हैं। जिसके नतीजे में लड़कियां ऐसे बड़े कदम उठा लेती हैं जिनका खामियाजा पूरी कौम को भुगतना पड़ता है
फिरोजाबाद से शादाब खान की रिपोर्ट