खुद गुस्से से होते हैं तो दूसरे भी भयभीत होते हैं देवी हेमलता शास्त्री
खुद गुस्से से होते हैं तो दूसरे भी भयभीत होते हैं देवी हेमलता शास्त्री
इटारसी नारायण सेवा संस्थान एवं मातृ शक्ति सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वधान में न्यास कॉलोनी वृंदावन गार्डन में आयोजित कथा समारोह ज्ञान यज्ञ के आज तृतीय दिवस मथुरा वृंदावन  की प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय प्रवचन कर्ता  देवी हेमलता शास्त्री ने कहा प्रेम से हंसते हुए  मुस्कुराते हुए घर में प्रवेश  करो तो सारा वातावरण प्रसन्न हो जाएगा रात्रि में सोते समय भी क्रोध को तिलांजलि दो एक-एक करके धीरे धीरे आपकी आदत हो जाएगी और क्रोध दूर हो जाएगा चेहरे पर मुस्कुराहट होगी एक ऐसी हंसी होगी और उस हंसी से दूसरे भी प्रसन्न होंगे अगर हम गुस्से में देखते हैं, तो दूसरा भी भयभीत होता है, अपने मन की बात करना चाहता है और आप गुस्से में हैं तो वह नहीं करेगा लेकिन यदि आप प्रसन्न है तो आपसे हर व्यक्ति मन की बात कह सकेगा जीवन जीने के कुछ तरीके हैं जो खुशहाल जीवन जीना चाहते हैं, वह किसी भी परिस्थिति में खुश रहे  तृतीय दिवस की कथा में प्रमुख श्रोता के रूप में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विधायक डॉ सीताशरण शर्मा के सम्मान में देवी हेमलता शास्त्री ने कहा कि जो पदवी को सहेज कर रखने का हुनर जानते हैं पदवी भी उन्हीं के साथ निरंतर दीर्घकाल तक बनी रहती है, और हुनर रूपी जोहरी को सदैव सत्तासीन बना कर रखती है जैसे  विधायक डॉ शर्मा नर्मदा अंचल के प्रजातंत्र में सत्तासीन है, मेरे रास्ते के उजाले तुम ही हो मस्ती भरे श्याम प्याले तुम ही हो इस भक्ति में संगीत गीत गजल को  मधुर संगीत के साथ देवी  हेमलता  शास्त्री ने प्रस्तुत किया तो कथा पंडाल में उपस्थित श्रोता भक्ति में झूम उठे मनमोहन यादव इटारसी।