गांधीवादी विचारक श्री समीरमल गोठी हमारे बीच नहीं रहे

 गांधीवादी विचारक श्री समीरमल गोठी हमारे बीच नहीं रहे


इटारसी 31 जनवरी 2021 होशंगाबाद जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष प्रमोद पगारे प्रतिदिन जिस समय अपने बुजुर्गों साथियों मित्रों को जय श्री राम का  संदेश देते हैं, ठीक लगभग उसी समय एक दुखद सूचना प्रेषित कर रहे हैं पिता तुल्य श्री समीरमल गोठी का बीती रात दुखत निधन हो गया वे 94 वर्ष के थे उनका जन्म 14 अक्टूबर 1927 को पिता स्वर्गीय श्री फूलचंद जी गोठी के यहां हुआ था,मूलते गोठी परिवार राजस्थान का है, लेकिन वह बैतूल के रास्ते इटारसी आए थे स्वर्गीय गोठी 1946 से व्यापार के सिलसिले में बैतूल से इटारसी आते जाते थे, लेकिन वे 1952 से स्थाई तौर पर इटारसी में रहने लगे थे, नर्मदा अंचल के जाने-माने समाजसेवी श्री लक्ष्मी चंद गोठी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री श्वेतांबर जैन मंदिर सातवीं लाइन गोठी ज्वेलर्स, गोठी फर्टिलाइजर, द आनंदम, कोठी कृषि फार्म, त्रिशला नंदन मैरिज गार्डन के बीज रोपित करने वाले गांधीवादी विचारक समीरमल गोठी  ने अपने निज निवास पांचवी लाइन में जीवन की अंतिम सांस ली पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे,उन्हें पहले नर्मदा अपना अस्पताल होशंगाबाद में भर्ती कराया गया जहां से 3 दिन पूर्व उन्हें मेदांता हॉस्पिटल इंदौर ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की सलाह पर श्री समीरमल गोठी को उनके गृह नगर इटारसी लाया गया जहां उन्होंने अंतिम सांस ली स्वर्गीय श्री सतीश गोठी उनके जेष्ठ पुत्र थे, श्री सुधीर गोठी श्री सुनील गोठी,संजय गोठी,उनके सुपुत्र हैं, उनके पोत्र  डॉक्टर सचिन गोठी, संदीप गोठी संजीव गोठी, सिद्धार्थ गोठी, चेतन गोठी, प्रसन्न गोठी हैं, उनके परपोत्र भी हैं, उनकी पत्नी का भी कुछ साल पहले दुखद निधन हो गया था, श्री समीर मलगोठी, कट्टर राष्ट्रभक्त थे, उन्होंने जीवन भर खादी पहनना और ओढ़ना नहीं छोड़ा इटारसी की सेठ लक्ष्मीचंद गोठी धर्मशाला में 1939 में महात्मा गांधी का पदार्पण हुआ था, 2 साल पहले ही उन्होंने महात्मा गांधी की यात्रा के स्मरण हेतु एक कक्ष सेठ लक्ष्मीचंद गोठी धर्मशाला के प्रथम तल पर बनवाया था,उनकी एक इच्छा अधूरी रह गई है, वह डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय चिकित्सालय में एक धर्मशाला  बनवाना चाहते थे।लेकिन वह कार्य उनके जीते जी पूरा नहीं हो सका किंतु उम्मीद है भविष्य में यह कार्य पूरा होगा स्वर्गीय श्री गोठी की छवि एक निर्विवाद राजनेता एक सक्षम और सफल व्यापारी सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों में थी, तथा समाज के कमजोर वर्ग को मदद करने वाले श्री समीर मलगोठी का लंबी 94 वर्ष की आयु में दुखद निधन हो गया, वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं,पगारे परिवार को भी पूजनीय पिताजी के निधन से जो भारी क्षति हुई है उसे कोई पूरा नहीं कर सकता प्रमोद पगारे के पिता स्वर्गीय श्री महादेव पगारे 15 मई 1986 को स्वर्ग सिधार गए थे, तब से अब तक मैंने मेरे पूज्य चाचा जी को केवल और केवल पिताजी के रूप में देखा उनका लाल प्यार स्नेह और डांट में  कभी भूल नहीं सकता, सभ्य समाज में प्रमोद पगारे समाज की आवश्यक बुराई बनकर जिया और जी रहा है, परंतु जी पिताजी मुझे सदैव प्यार करते रहे बीमारी के दौरान में दो बार उनसे मिलने नर्मदा अपना अस्पताल होशंगाबाद गया उन्होंने मुझे खूब लाड प्यार किया अब इटारसी में कोई ऐसा नहीं जो मेरे पिता तुल्य होकर मुझे डांटे भी प्यार भी करें चले गए पिताजी आप प्रमोद पगारे आज फिर पिता विहीन  हो गया ईश्वर पूजनीय पिताजी की आत्मा को शांति प्रदान करें। मनमोहन यादव इटारसी