करोना कॉल के समय स्वास्थ्य महकमा मैं हुई आकस्मिक नौकरियों को विभाग ने किया रद्द
अपनी जान की परवाह ना करते हुए कठिन घड़ी में 40 स्वास्थ्य कर्मियों ने करोना काल के समय दी अपनी सेवाएं और विभाग ने उन्हें किया बाहर
रोजी-रोटी छूट जाने के कारण दर-दर भटक रहे स्वास्थ्य कर्मी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन और शासन से मांग रहे न्याय लगा रहे अपनी नौकरी पाने की गुहार
पन्ना-
विदित हो जहां एक और पूरे देश में करोना जैसी महामारी की आपातकालीन स्थिति की कमी की जगह लगातार बढ़ोतरी हुई नजर आ रही है एक बार फिर से शादी विवाह जैसे कार्यक्रम धार्मिक कार्यों की शुरुआत होने से भीड़ भाड़ का जमावड़ा होने लगा है जिससे कोरोना संक्रमण फिर से तेजी से फैलने लगा है तो वही दूसरी ओर इस आपातकालीन स्थिति मैं स्वास्थ्य महकमा ने स्वास्थ्य कर्मियों को निकालने का फरमान जारी कर दिया है जिससे स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी तो खलेगी ही साथ ही कोरोना संक्रमण से बढ़ रहे मरीजों की देखरेख और स्वास्थ्य सुविधा भी प्रभावित होंगी करोना काल जैसी कठिन घड़ी में इन स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए स्वास्थ्य महकमा में ईमानदारी से कार्य करके कोरोना संक्रमण मरीजों को बचाने का अथक प्रयास किया बावजूद विभाग ने अब उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है जिससे बाहर हुये स्वास्थ्य कर्मी अपने आप में काफी आहत और मायूसी से दुखद है पन्ना जिले के 40 स्वास्थ्य कर्मियों जिसमें से नर्स फार्मासिस्ट सपोर्ट कर्मी जैसे अलग-अलग विभागों में सेवाएं दे रहे स्वास्थ्य कर्मियों को भी विभाग ने बाहर के रास्ते का फरमान जारी किया है जिससे वे दुखत होकर पन्ना जिला कलेक्टर को ज्ञापन के माध्यम से अपनी सेवाओं को पुनः जारी रखने के लिए शासन प्रशासन से मांग कर दर-दर भटक रहे हैं ज्ञात हो कि वैसे भी पन्ना जिले में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी काफी समय से चली आ रही है स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के अभाव के चलते जिले के मरीजों को पन्ना से बाहर जाकर स्वास्थ्य सुविधा लेनी पड़ती है जो कभी कबार अचानक बिगड़े स्वास्थ्य के प्रति समय से पन्ना के बाहर न पहुंच पाने पर आकस्मिक घटनाएं भी घटती है स्वास्थ्य विभाग द्वारा संपूर्ण मध्यप्रदेश में करोना काल समय आकस्मिक रूप सेअच्छी स्वास्थ्य सुधार हेतु कुछ नियुक्तियां की गई थी गई थी उन्हें अब रद्द कर दिया गया है जिसको लेकर नवनियुक्त आकस्मिक स्वास्थ्य कर्मियों मैं काफी रोष व्याप्त और भी काफी दुखद है उनका मानना है कि हमने उस कठिन घड़ी में अपने स्वास्थ्य की परवाह ना करते हुए जन स्वास्थ्य शेवा रूप में काम किया है और यदि हमें अब निकाल दिया जाएगा तो हमारी रोजी-रोटी छूट जाएगी शासन से पुरजोर मांग की है कि हम समस्त स्वास्थ्य कर्मियों को पुनः हमारी नौकरियों में रखा जाए अब देखना यह है कि शासन किस प्रकार से इन स्वास्थ्य कर्मियों को पुनः उनके स्थान पर रख पाती या फिर पूर्व से बाहर का रास्ता दिखा देने को ही उचित समझती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा
पन्ना से जिला ब्यूरो चीफ वेद प्रकाश तिवारी की रिपोर्ट