पांचवां राज्य वित्त आयोग के मा0 अध्यक्ष श्री इन्दु कुमार पाण्डे ने सोमवार को

चमोली से केशर सिंह नेगी जी की रिपोर्ट



थराली।


पांचवां राज्य वित्त आयोग के मा0 अध्यक्ष श्री इन्दु कुमार पाण्डे ने सोमवार को जिला पंचायत सभागार में त्रिस्तरीय पंचायतों एवं नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायतों और निकायों में मौजूदा व्यवस्थाओं एवं समस्याओं पर चर्चा करते हुए सुविधाओं के विकास हेतु जनप्रतिनिधियों, सदस्यों एवं अधिकारियों से सुझाव भी लिए। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे भी मौजूद थे। 


मा0 अध्यक्ष ने कहा कि वित्त आयोग एक स्वतंत्र संस्था है जो मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर अपनी संस्तुतियां राज्य सरकार को देती है। कहा ़ित्रस्तरीय पंचायतों के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी सीधे आम जनता से जुड़े रहते है और क्षेत्र की समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ होते है। पंचायत एवं निकाय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के दृष्टिकोण, आवश्यकताओं, सुझाव और समस्याओं के आधार पर ही आयोग अपनी संस्तुति का निर्धारण कर राज्य सरकार को देगी। बताया कि स्थानीय परिस्थितियों एवं जरूरतों के हिसाब से ही योजनाएं बनेंगी। त्रिस्तरीय पंचायतों एवं निकायों में मौजूदा व्यवस्थाओं और समस्याओं पर विस्तार से जानकारी लेते हुए मा0 अध्यक्ष ने कहा कि अपने सुझाव या प्रत्यावेदन वित्त आयोग की ईमेल पर भी भेजे जा सकते है। 


बैठक में त्रिस्तरीय पंचायत एवं निकाय जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र की समस्याएं और सुझाव से अवगत कराते हुए लिखित प्रत्यावेदन भी सौंपे। जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जिप सदस्यों ने जिला पंचायत को नवचारी कार्यो के लिए विशेष अधिकार देने, राज्य वित्त आयोग की धनराशि को दोगुना करने, 15वाॅ वित्त से कटौती को समाप्त करने, सदस्यों को मानदेय एवं पेंशन का प्राविधान करने सहित अन्य सुझावों को लेकर वित्त आयोग को लिखित प्रत्यावेदन भी दिया। क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधियों ने राज्य वित्त से मिलने वाली 10 प्रतिशत धनराशि को बढाने, आपदाओं को ध्यान में रखते हुए धनराशि आवंटन का प्राविधान रखने, रोजगारपरक योजनाओं के लिए क्षेत्र पंचायतों को बजट आंवटन करने का सुझाव रखा। ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों ने राज्य वित्त की धनराशि को बढाने के लिए निर्धारित मानकों में संशोधन करने तथा सांसद एवं विधायक निधि की तर्ज पर ग्राम पंचायत में प्रधान निधि की व्यवस्था बनाने सहित अन्य सुझाव रखे।


नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत प्रतिनिधियों ने परिसीमन के बाद क्षेत्र के विकास के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटन करने, नगर क्षेत्र में सिविल भूमि का अधिकार नगर निकायों को देने, नगर क्षेत्रों में खनन का अधिकार निकायों को देने, विकास प्राधिकरण की व्यवस्था को समाप्त करने, पथ प्रकाश हेतु सौर ऊर्जा की व्यवस्था के लिए धनराशि का प्राविधान करने, यात्राकाल में फ्लोटिंग जनसंख्या की सुविधाओं के विकास हेतु अतिरिक्त धनराशि का प्राविधान करने, नगर निकायों में पार्किंग निर्माण एवं कूडा डम्पिंग जोन के लिए भूमि उपलब्ध न होने संबधी अपनी समस्याएं और सुझाव आयोग के समक्ष रखे।


इस दौरान आयोग के अपर सचिव वित्त एवं सदस्य सचिव भूपेश चन्द्र तिवारी, वरिष्ठ शोध अधिकारी अमित वर्मा एवं तेजपाल सिंह, शोध अधिकारी दिनेश चन्द्र, मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पाण्डे, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्यगण, सभी ब्लाकों के अध्यक्षगण व सदस्य, ग्राम पंचायतों से ग्राम प्रधान, नगर निकायों के अध्यक्षगण, पूर्व जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और अधिकारीगण मौजूद थे।


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