पारिवारिक धंम्म संगोष्ठी,

पारिवारिक धंम्म संगोष्ठी,



जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कबीर दयानाम महिला समिति दिहाड़ी पैदल जाने वालो की कर रही सेवाकार्य।


बैतूल। कैलाश पाटिल


बैतूल नागपुर राष्टीय राजमार्ग पर लगातार राष्ट्रीय पारिवारिक विधि एवं बौद्ध धम्म संगोष्ठी के माध्यम से अलग-अलग जगहों पर लगातार मार्ग के किनारे स्टाल लगाकर मानव सेवा भाव से कोरोना संकट काल एवं सम्पूर्ण भारत में लाक डाउन के चलते अपने ग्रह राज्य सड़क मार्ग से पैदल चलकर लौट रहे
मजदूर, गरीब, परिवार के लोगो को पारिवारिक विधि एवं बौद्ध धम्म संगोष्टी के द्वारा पिछले कई दिनों से लगातार पानी,बिस्किट,फल,चप्पल,निशुल्क मदद करते आ रहे है। जिसमे हर दिन अलग अलग तरह की खाद्द सामग्री फल बिस्किट तरबूज केले मौसंबी इत्यादिक खाने पीनेे की चीजो का पूरी  टीम के माध्यम से वितरण करते आ रहे है।जिसमे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पांच दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत सत्तू, ककड़ी, बिस्किट, मास्क, चने, भोजन के पैकेट, एवं खिचड़ी,चॉकलेट का वितरण किया। जसवंती चौकीकर एवं गीता नागले ने बताया की कई महिलाये अशिक्षित गरीब मजदुर जिनके हाली स्थिति बहुत खराब है।जिसे देख हमारे द्वारा उन महिलाओ के लिए सेनेटरी पैड का वितरण किया गया। इसके लिए सुबह 6 से 12 बजे तक वितरण के लिए दो पैरालीगल वालंटियर्स 12 से 6 बजे तक वितरण हेतु दो पैरालीगल वालंटियर की नियुक्ति की गई है। इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मनोज कुमार मंडलोई के नेतृत्व में टेंट लगाकर कुर्सी टेबल मटके और पानी की बैठने की व्यवस्था की गई। इसके पश्चात यहां समाज के लोगों माध्यम से भी जन सहयोग की मदद मिल रही है। जिससे यह कार्य निरंतर चल रहा है। अलग-अलग संस्थाएं अपना बैनर लगाकर सहयोग कर रहे है। आज 
कबीर दयानाम महिला समिति द्वारा अध्यक्ष श्रीमती चंद्रकला डोंगरी द्वारा पुलाव वितरण किया गया।कोषाध्यक्ष श्रीमती जसवंती चौकीकर द्वारा पुड़ी, सब्जी का वितरण किया गया। भागरती डोंगरे द्वारा आम का पना मीना पटेल द्वारा चने का वितरण किया गया, संजय मानेकर परिवार पानी की व्यवस्था में पिछले कई दिनों सहयोग करते आ रहे है। सामाज की पूरी टीम द्वारा सुबह से रात तक बौद्ध धम्म संगोष्टी के सदस्य  मिंलीद बौद्ध, दिनेश पाटील, बंजर मानेकर, नामदेव गीता पाटील, तुलाराम चौकीकर पारिवारिक  संगोष्ठी गीता नागले अजाब नागले  भागवती डोंगरे गुंजन डोंगरे गौरी डोंगरे शकुन चौरसिया उपस्थित रहे