बौद्ध विहार में मनाया गया डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर जी का 63 वां महापरिनिर्वाण 

बौद्ध विहार में मनाया गया डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर जी का 63 वां महापरिनिर्वाण


बैतूल/सारनी। कैलाश पाटिल 


त्रिरत्न बौद्ध विहार समिति सारनी के तत्वाधान में विश्व रत्न, प्रज्ञा सूर्य, महामानव सिंबल आंफ नालेज, संविधान शिल्पी, बोधिसत्व डां.बाबा साहेब अंबेडकर जी का 63 वां महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया। त्रिरत्न बौद्ध विहार समिति के अध्यक्ष नारायण चौकीकर ने बताया कि महापरिनिर्वाण दिवस के कार्यक्रम का आगाज सर्व प्रथम शापिंग सेंटर स्थित डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष मोमबत्ती अगरबत्ती प्रज्वलित की गईं एवं अतिथियों एवं गणमान्य नागरिकों द्वारा माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात बुद्ध विहार परिसर में बुद्ध वंदना ग्रहण की गई। मुख्य अतिथि आयुष्मान मिलिंद बौद्ध जी ने डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज हम डॉ बाबा साहेब अंबेडकर जी का महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित कर रहे हैं। डॉ बाबा साहब अंबेडकर ने 5 दिसंबर 1956 की रात को बुद्ध और उनका धम्म ग्रंथ का उपसंहार लिख कर ग्रन्थ को पुरा किया था और 6 दिसम्बर 1956 की आधी रात को वे चिर निद्रा में सो गए।  यह खबर पूरे देश में आग की तरह फ़ैल गई और कोने-कोने से रेलगाड़ी बसों से सभी मुंबई की ओर भागने लगे क्योंकि गरीब, सोशित पीडितों का मसीहा डॉ बाबा साहब अंबेडकर इस दुनिया में नहीं रहे थे।बाबा साहब अंबेडकर ने सभी वर्गों के लिए काम किये थे। उन्होंने संविधान भेंट करने के एक दिन पहले ही  25 नवंबर 1949 को कहा था कि संविधान लागू होते ही हम सब राजनीतिक रूप से एक वोट के एक अधिकार से एक रुप में आ जायेंगे लेकिन आर्थिक और सामाजिक असमानता पैदा हो जायेगीं ऐसा उन्होंने कहा था। और कहा था कि संविधान किसी देश का कितना भी अच्छा हो यदि चलाने वाले अच्छे नहीं होंगे तो संविधान अंतत गलत साबित होगा और किसी देश का संविधान कितना भी गलत हो और अमल कराने वाले अच्छे होगें तो उस देश का संविधान अच्छा साबित होगा। इस अवसर पर सैकड़ों उपासक उपासिकाएं उपस्थित थे। समिति के अध्यक्ष आयुष्मान नारायण चौकीकर, त्रिलोक लोखंडे, मुन्नालाल कापसे, कार्यपालन अभियंता डी. के. अतुलकर, बीआर पाटील, विठोबा धोंगडे, राहुल पाटील, धीरेंद्र सोनारे, बलवंत पाटील, राकेश महाले, रामचंद्र हुमने, सहदेव झरबडे, लक्ष्मण वामनकर, बुधराव मालवी, संतोष चौकीकर, भीमराव गजभिये, आयुष्मति नंदा थमके, सत्यकला मेश्राम, सीता नागले, सविता सिरसाठ, चंद्रकला गजभिये, रेखा मालवीय, ललिता पाटील, कमला आथनकर, संगीता कापसे, हेमलता लोखंडे, ममता चौकीकर, ललिता खातरकर, कंचना ढोके, देवकी झरबडे आदि उपस्थित थे।


वही पाथाखेड़ा के बौद्ध विहार में भी डाक्टर बाबा साहेब अंबेडकर जी 63वां महापरिनिर्वाण दिवस मनाकर उन्हें श्रध्दांजलि देकर याद किया। इस अवसर पर बौद्ध विहार समिति के महासचिव राजू पाटिल, राकेश वाईकर, विनोद मेश्राम जितेंद्र निरापूरे के अलावा बड़ी संख्या में उपासिकाए उपस्थित थी।


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