केशर सिंह नेगी /थराली चमोली
बैशाखी के पावन अवसर पर पिंडरघाटी में आयोजित होने वाले पारंपरिक बैसाखी मेलों की तैयारियां जोरों पर हैं। असेड़, कौब, कुलसारी, हंसकोटी, माल, खैनोली, मींग और माल-बज्वाड़ सहित घाटी के विभिन्न गांवों के देव मंदिरों की रंग-रोगन एवं सजावट का कार्य पूर्ण हो चुका है।
देवडोलियों को गंगा स्नान हेतु तैयार किया जा रहा है। देवपुजारियों द्वारा बैसाखी के दिन श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप दी जाने वाली हरियाली के लिए मंदिर परिसरों में जौ की बुवाई कर दी गई है। मेलों की स्वच्छता को लेकर गांव की महिलाओं ने रास्तों व मेलास्थलों की सफाई शुरू कर दी है।
*मेलों का कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा:*
14 अप्रैल: पंती (नारायणबगड़) व कुलसारी (थराली)
15 अप्रैल: मींग, कौब और माल (नारायणबगड़)
16 अप्रैल: खैनोली कौथिग
17 अप्रैल: असेड़ मेला
18 अप्रैल: माल-बज्वाड़ (थराली) का मलियाल मेला व हंसकोटी कौब लाटू मेला (नारायणबगड )
12 मई: मैटा-भटियाणा (कुलसारी) में वैशाख पूर्णिमा को बाल स्वरूपणी कुंवारी मेले के साथ समापन
बैसाखी पर्व से जुड़े इन मेलों में भाग लेने और देवडोलियों के दर्शन हेतु प्रवासी ग्रामीणों का अपने गांवों की ओर लौटना शुरू हो गया है। इससे पिंडरघाटी के गांवों में एक बार फिर से चिर-परिचित रौनक लौट आई है।