जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने दवा खाकर निभाई जिम्मेदारी- अब है आपकी बारी
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जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने दवा खाकर निभाई जिम्मेदारी- अब है आपकी बारी
  
जिलाधिकारी  ने फाइलेरिया उन्मूलन (आईडीए)अभियान का किया शुभारंभ
एक वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को स्वास्थ्यकर्मी के सामने करना है दवा का सेवन
गर्भवती और अति गंभीर बीमार को छोड़कर सभी करें दवा का सेवन 
एक से दो वर्ष तक के बच्चों को खानी है पेट के कीड़े निकालने की दवा


कौशाम्बी , 10 अगस्त 2024
जिले में लाइलाज बीमारी फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान शनिवार से शुरू हुआ, जो कि 2 सितंबर 2024 तक चलेगा|
 
अभियान की शुरूआत मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय मंझनपुर से जिलाधिकारी मधुसूदन  
हुल्गी व  मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय कुमार ने किया । अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्यकर्मी घर - घर जाएंगे और अपने सामने ही एक वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को फाइलेरिया से बचाव की  दवा का सेवन कराएंगे।  गर्भवती और अति गंभीर बीमार  को  दवा का सेवन नहीं करना है । एक से दो वर्ष तक के बच्चों को सिर्फ पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाएगी ।

जिलाधिकारी ने जनपदवासियों से अपील की है कि वह खुद दवा का सेवन करें और आस-पास के लोगों को दवा  सेवन के लिए प्रेरित करें। दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है । स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही  दवा खानी है । दवा का सेवन सिर्फ फाइलेरिया मरीज को नहीं, बल्कि एक वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को करना है । पांच साल में पांच बार यानी साल में एक बार इस दवा का सेवन कर लेने से फाइलेरिया (हाथीपांव व हाइड्रोसील) से बचाव होगा । उन्होंने फाइलेरिया उन्मूलन की शपथ दिलाई और अभियान के समर्थन में हस्ताक्षर भी किया ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि जिले की करीब 15 लाख की आबादी को  दवा का सेवन कराया जाएगा । दवा के निर्धारित डोज का सेवन आशा कार्यकर्ता या स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही करना है । अगर टीम पहुंचने पर  घर का कोई सदस्य उपस्थित नहीं है तो वह आशा कार्यकर्ता के घर जाकर उनकेसामने ही दवा का सेवन करें । अभियान के संचालन के लिए 1070 टीम बनाई गई हैं फाइलेरिया से बचाव की  दवा शरीर में इसके परजीवियों को मारती है जिसके प्रतिक्रिया स्वरूप कभी कभी सिर दर्द, शरीर दर्द, बुखार, उल्टी और बदन पर चकत्ते जैसे लक्षण सामने आते हैं । यह लक्षण स्वतः ठीक हो जाते हैं और जिनमें यह लक्षण आ रहे हैं उन्हें खुश होना चाहिए कि वह फाइलेरिया से मुक्त हो रहे हैं। जरूरी समझने पर आशा कार्यकर्ता की मदद से रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र की सेवाएं ले सकते हैं । उन्होंने बताया कि जिले में हाथीपांव के 658 और हाइड्रोसील के 387 मरीज चिन्हित हैं । फाइलेरिया ग्रसित इन जैसे और भी मरीज न आएं इसी उद्देश्य से बड़ी आबादी को दवा का सेवन करवाना होगा, जिसमें सामुदायिक सहयोग अपेक्षित है ।

जिला मलेरिया अधिकारी .अनुपमा मिश्रा ने कहा कि फाइलेरिया बीमारी संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है । मच्छरदानी के प्रयोग और आस-पास साफ सफाई रखने के साथ साथ साल में एक बार दवा के सेवन से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है । यह बीमारी विश्व में दीर्घकालिक दिव्यांगता का दूसरा प्रमुख कारण है । एक बार हाथीपांव या हाइड्रोसील हो जाने पर उसे सिर्फ नियंत्रित किया जा सकता है, पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता । दवा सेवन ही श्रेष्ठ उपाय है ।

सहयोग कर रहे हैं विभिन्न संगठन

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि दवा सेवन के प्रति लोगों को जागरूक करने में पाथ, डब्लूएचओ,पीएसआई, सीफर का सहयोग मिल रहा है।
कार्यक्रम में ... नोडल अधिकारी वीबीडी डॉ राहुल सिंह डिप्टी सीएमओ डॉक्टर सुनील सिंह डॉ हिमांशु भूषण


, मलेरिया विभाग के एएमओ, एमआई, व कार्यालय के सभी अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे |
न्यूज़ एसीपी भारत नेटवर्क चैनल आल यूपी स्टेट से मिडिया प्रभारी पवन मिश्रा की रिपोर्ट