श्रम कानून के नियमों की उड़ा रहे है धज्जियां
श्रम कानून के नियमों की उड़ा रहे है धज्जियां
सारणी विद्युत मंडल के ठेकेदार एवं श्रम अधिकारी दोनों ने उड़ाई नियमों कि धजजिया सारणी मध्य प्रदेश विद्युत ठेका श्रमिक संगठन के मजदूरों ने क्रमिक धरना एवं भूख हड़ताल का आज 15 दिन होने पर भी आंदोलन का रुख नहीं बदल पाए क्योंकि अब तक इनकी पांच मांगे जोकि मजदूरों का आक्का लॉजिस्टिक कंपनी ने पिछले 3 वर्षों का डिफरेंस पेमेंट नहीं दिया एवं बाग बगीचों में कार्यरत मजदूरों को शासन के नियमानुसार वेतन देना एवं सभी कंपनी को श्रम कानून के हिसाब से नियमानुसार मजदूरों को तनखा देना एवं 660 मेगा वाट की यूनिक नई यूनिट का खुलवाना पर अब तक कोई चर्चा किसी अधिकारी की ओर से इन चार बची मांगों को मानने की पहल नही कर पा रहे है ऐसा पता नहीं कब तक हो पाएगा आज नगर पालिका क्षेत्र में संयुक्त कलेक्टर महोदय के पहुंचने पर ठेका श्रमिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने मजदूरों के साथ ज्ञापन लेकर संयुक्त कलेक्टर महोदय को अपनी मांगों को लेकर अवगत कराने की भी कार्यवाही करने की पहल की साथ ही मजदूरों पर श्रम कानून के नियम अनुसार ठेकेदारों की तरफ से एवं श्रम अधिकारियों की आपसी मिलीभगत की वजह से पूर्ण रूप से पेमेंट का नहीं देना देखा गया है इसके बाद भी कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों के मिलीभगत का असर बिना काम किए भी अन्य किसी भी मजदूरों के नाम पर पेमेंट की उगाही कर प्रशासन को चूना लगाया पाया जा रहा है इन पर नकेल कस कर कार्यवाही करें तो सारी बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हो सकता है मगर कार्यवाही करें कौन अब तक किसी भी उच्च अधिकारी ने अब तक इन मजदूरों के साथ हो रहे अत्याचार का  मुवायजा लेने भी  नहीं पहुंच पाए भारत के संविधान की किताब में अगर मजदूरों को परेशान होना ही लिखा है तो ऐसे संविधान का क्या फायदा जो सिर्फ मजदूरों को अपना ही हक दिलाने में नाकाम हो।
 ऐसे संविधान के नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई कर उच्च अधिकारियों ने हमारे राष्ट्र धर्म का पालन करना चाहिए मगर अब तक कोई जवाबदार राजनेता और अधिकारी नियमों का पालन करने से बचते रहे देखा जा रहा है              

ब्यूरो बैतूल मनोज पवार के साथ कैमरामैन बबलू पहाड़े