सट्टे में हारने के बाद युवक ने की आत्महत्या
*सट्टे में हारने के बाद युवक ने की आत्महत्या*

*मरने से पहले युवक ने लिखा सुसाइड नोट पोस्टमार्टम से शव आते ही फिर बिलख पड़े परिजन*

*वर्षों से इलाके में होता है सट्टे का बेखौफ खेल बर्बाद हो चुके अब तक दर्जनों परिवार*

*कौशाम्बी* चायल सर्किल क्षेत्र के मनौरी आदि बाजार में बेखौफ तरीके से वर्षों से सट्टे का खेल संचालित हो रहा है इस खेल में अब तक दर्जनों परिवार बर्बाद हो चुके हैं गुरुवार को पिपरी कोतवाली इलाके के मखऊपुर गांव में एक युवक ने जहर खाकर जान दे दिया। युवक ने सुसाइड करने से पहले एक नोट भी लिखा है जो पुलिस के हाँथ लगा है। पुलिस ने युवक के शव को लेकर कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है शुक्रवार को युवक का शव पोस्टमार्टम हाउस से जैसे घर पहुंचा है परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे हैं 

जानकारी के मुताबिक मखऊपुर निवासी निखिल केसरवानी उम्र 28 वर्ष पुत्र राकेश केशरवानी परचून का कारोबारी था परिवार के लोगों की मानें तो निखिल ने
विधानसभा चुनाव के चायल सीट पर हर जीत को लेकर इलाके के ही कुछ लोगों से मोटी रकम के लिए सट्टा लगा रखा था बृहस्पतिवार की देर शाम आए चुनाव परिणाम के बाद वह सट्टे में लगाई गई रकम को हार गया इसे लेकर सट्टा लगाने वाले युवक उसे पैसों के लिए परेशान करने लगे तो उसने एक सुसाइड नोट लिखकर जहर निगल लिया। हालत जब बिगड़ने लगी तो परिजनों को जानकारी हुई। गंभीर हालत में निखिल को  इलाहाबाद के एक निजी अस्पताल भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो घटना से परिजनों में कोह राम मच गया। सूचना पर पहुचीं पुलिस ने मृतक के मिले सुसाइड नोट को कब्जे में लेकर शव पोस्टमार्टम के लिए दिया शुक्रवार को पोस्टमार्टम हाउस से वापस घर पहुंच गया है जहां हिंदू रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार गंगा नदी के किनारे किया गया है इंस्पेक्टर पिपरी श्रवण कुमार का कहना है कि मामले में परिजन ने तहरीर दिया है। जांच कर कार्यवाही की जा रही है

*सटोरियों का नाम किया उजागर* 

*कौशांबी* सट्टे के खेल में भारी रकम हार जाने के बाद मौत को गले लगाने वाले निखिल केसरवानी ने 2 सटोरियों का नाम उजागर किया है लेकिन खबर लिखे जाने तक सटोरिए पुलिस के गिरफ्त में नहीं पहुंच सके हैं

*बेखौफ होता है सट्टे का खेल पुलिस मौन*

*कौशांबी* जिले के चायल सर्किल क्षेत्र में वर्षो से बेखौफ तरीके से सट्टे का खेल होता है इसमें कई सफेदपोश भी शामिल है सब कुछ इलाके की पुलिस जानती है लेकिन फिर भी सट्टा संचालकों पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है जिससे पुलिस की मंशा पर भी सवाल उठना लाजमी है युवक की मौत के पहले पुलिस ने सट्टे का खेल बंद करा दिया होता तो युवक को मौत नहीं चुनना पड़ता

चायल तहसील से अम्बिकेश पाण्डेय की रिपोर्ट