सरकारी हॉस्पिटल में लीवर सिस्ट की पहली सफल सर्जरी: डॉ जितेंद्र चौहान
सरकारी हॉस्पिटल में लीवर सिस्ट की पहली सफल सर्जरी: डॉ जितेंद्र चौहान

अंबाला 2 मार्च (जयबीर राणा थंबड़) नागरिक हॉस्पिटल अंबाला कैंट मे ऑपरेशन थियेटर में सर्जरी की प्लानिंग करके सबसे पहले डॉ वेद पाठक की टीम ने मरीज को स्पाइनल एनेस्थीसिया से आंशिक रूप से बेहोश किया। मरीज के बेहोश होते ही गैस्ट्रो सर्जन डॉ. जितेंद्र सिंह चौहान ने मरीज़ के पेट में 4 छोटे छेद कर के दूरबीन के सहायता से लीवर के हाइडेटिड सिस्ट को सर्जरी करके बाहर निकाला। यह दूरबीन का ऑपरेशन दो घंटे चला। मरीज का इलाज और ऑपरेशन हरियाणा सरकार की स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत फ्री में किया गया। इस ऑपरेशन में सहायक डॉ अभिषेक, स्टाफ नर्स रीना व रुचि, ओटीए विनोद, रमेश व जगमाल, स्टाफ विशाल, प्रिंस व अन्ना, इत्यादि शामिल रहे। 

दूरबीन की सहायता से यह ऑपरेशन बहुत सफल रहा। इस तरह के आधुनिक ऑपरेशन से मरीज को पेट में लंबा चीरा लगाने की नौबत नहीं आती है। दूरबीन वाले ऑपरेशन से महज़ 4 घंटे बाद ही मरीज पानी पी सकता है व चल फिर सकता है।

डॉ जितेंद्र चौहान ने बताया की कुछ सावधानियां रख कर हम इस बीमारी से बच सकते हैं:

हाथ धोकर खाना खाएं।

खाने को अच्छे से पकाएं।

कुत्तों से दूरी बनाकर रखें।

कुत्तों का समय-समय पर वैक्सीनेशन करवाएं

लीवर के सिस्ट रोग से पीड़ित मरीज को किसी अनुभवी गैस्ट्रो सर्जन से परामर्श लेना चाहिए और उनकी निगरानी में जल्द से जल्द इलाज शुरू करवाना चाहिए, अन्यथा लीवर की सिस्ट के फट जाने पर पीड़ित मरीज को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

 अल्ट्रासाउंड, मल्टी स्लाइड सी.टी. स्कैन और एम.आर. सी. पी. की जरूरत पड़ती है जोकि सभी अंबाला कैंट के नागरिक हॉस्पिटल में मौजूद है

सिस्ट के इलाज के निर्धारण में कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। जैसे सिस्ट का आकार, लीवर के अंदर उसका मौजूद रहना और मरीज की शारीरिक अवस्था। लीवर की सिस्ट का सबसे उत्तम और कारगर इलाज ऑपरेशन ही है। सिस्ट से ग्रस्त मरीज को जितनी जल्दी हो सके ऑपरेशन के जरिए लीवर की सिस्ट को निकलवा देना चाहिए, अन्यथा सिस्ट के फट जाने पर जानलेवा जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस तरह के ऑपरेशन के लिए एक अनुभवी गैस्ट्रो सर्जन का होना बहुत जरूरी है। 

दूषित माहौल में सिस्ट नामक रोग के होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप सड़कों के किनारे अस्वच्छ स्थानों पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों जैसे चाट, भेलपुरी, छोले भटूरे, व चाऊमीन आदि नहीं खाते हैं और स्वच्छता रखते हैं, तो सिस्ट खासकर फेफड़े के सिस्ट की बीमारी से दूर रह सकते हैं...

पीएमओ डॉ राकेश सहल ने बताया कि डॉक्टर चौहान पहले भी कई प्रकार की सफल सर्जरी दूरबीन द्वारा कर चुके हैं। यह सब सफलता गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज के अथक प्रयासों व नए उपकरण द्वारा ही संभव हो पाई हैं।

फोटो कैप्शन: डॉ जितेंद्र चौहान 

अंबाला 2 मार्च (जयबीर राणा थंबड़) नागरिक हॉस्पिटल अंबाला कैंट मे ऑपरेशन थियेटर में सर्जरी की प्लानिंग करके सबसे पहले डॉ वेद पाठक की टीम ने मरीज को स्पाइनल एनेस्थीसिया से आंशिक रूप से बेहोश किया। मरीज के बेहोश होते ही गैस्ट्रो सर्जन डॉ. जितेंद्र सिंह चौहान ने मरीज़ के पेट में 4 छोटे छेद कर के दूरबीन के सहायता से लीवर के हाइडेटिड सिस्ट को सर्जरी करके बाहर निकाला। यह दूरबीन का ऑपरेशन दो घंटे चला। मरीज का इलाज और ऑपरेशन हरियाणा सरकार की स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत फ्री में किया गया। इस ऑपरेशन में सहायक डॉ अभिषेक, स्टाफ नर्स रीना व रुचि, ओटीए विनोद, रमेश व जगमाल, स्टाफ विशाल, प्रिंस व अन्ना, इत्यादि शामिल रहे। 

दूरबीन की सहायता से यह ऑपरेशन बहुत सफल रहा। इस तरह के आधुनिक ऑपरेशन से मरीज को पेट में लंबा चीरा लगाने की नौबत नहीं आती है। दूरबीन वाले ऑपरेशन से महज़ 4 घंटे बाद ही मरीज पानी पी सकता है व चल फिर सकता है।

डॉ जितेंद्र चौहान ने बताया की कुछ सावधानियां रख कर हम इस बीमारी से बच सकते हैं:

हाथ धोकर खाना खाएं।

खाने को अच्छे से पकाएं।

कुत्तों से दूरी बनाकर रखें।

कुत्तों का समय-समय पर वैक्सीनेशन करवाएं

लीवर के सिस्ट रोग से पीड़ित मरीज को किसी अनुभवी गैस्ट्रो सर्जन से परामर्श लेना चाहिए और उनकी निगरानी में जल्द से जल्द इलाज शुरू करवाना चाहिए, अन्यथा लीवर की सिस्ट के फट जाने पर पीड़ित मरीज को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

 अल्ट्रासाउंड, मल्टी स्लाइड सी.टी. स्कैन और एम.आर. सी. पी. की जरूरत पड़ती है जोकि सभी अंबाला कैंट के नागरिक हॉस्पिटल में मौजूद है

सिस्ट के इलाज के निर्धारण में कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। जैसे सिस्ट का आकार, लीवर के अंदर उसका मौजूद रहना और मरीज की शारीरिक अवस्था। लीवर की सिस्ट का सबसे उत्तम और कारगर इलाज ऑपरेशन ही है। सिस्ट से ग्रस्त मरीज को जितनी जल्दी हो सके ऑपरेशन के जरिए लीवर की सिस्ट को निकलवा देना चाहिए, अन्यथा सिस्ट के फट जाने पर जानलेवा जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस तरह के ऑपरेशन के लिए एक अनुभवी गैस्ट्रो सर्जन का होना बहुत जरूरी है। 

दूषित माहौल में सिस्ट नामक रोग के होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप सड़कों के किनारे अस्वच्छ स्थानों पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों जैसे चाट, भेलपुरी, छोले भटूरे, व चाऊमीन आदि नहीं खाते हैं और स्वच्छता रखते हैं, तो सिस्ट खासकर फेफड़े के सिस्ट की बीमारी से दूर रह सकते हैं...

पीएमओ डॉ राकेश सहल ने बताया कि डॉक्टर चौहान पहले भी कई प्रकार की सफल सर्जरी दूरबीन द्वारा कर चुके हैं। यह सब सफलता गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज के अथक प्रयासों व नए उपकरण द्वारा ही संभव हो पाई हैं।