स्वच्छ दुग्ध उत्पादन एवं मूल्य संवर्धन ‘ विषय पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ समापन
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन एवं मूल्य संवर्धन ‘ विषय पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ समापन 
साहा(जयबीर राणा थंबड)मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय , भारत सरकार द्वारा प्रायोजित प्रोजेक्ट ‘‘लाभकारी डेयरी फार्मिंग एवं पशु पालन प्रबन्धन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों की क्षमता संवर्धन‘‘ के अंतर्गत आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 
कृषि विज्ञान केन्द्र, तेपला अम्बाला के तत्वाधान में मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय , भारत सरकार द्वारा प्रायोजित ‘‘लाभकारी डेयरी फार्मिंग एवं पशु पालन प्रबन्धन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों की क्षमता संवर्धन‘‘ परियोजना के अंतर्गत ‘स्वच्छ दुग्ध उत्पादन एवं मूल्य संवर्धन ‘ विषय पर 3 दिवसीय कार्यक्रम 14 से 16 मार्च, 2022 तक आयेाजित किया गया। कार्यक्रम के अर्न्तगत विधि प्रदर्शन द्वारा तकनीकी जानकारी दी गई । जिसके समापन समारोह में डा. उपासना सिंह , वरिष्ठ वैज्ञाानिक एवं प्रधान ने मुख्य अतिथि, अटारी-जोधपुर के प्रधान वैज्ञानिक (पशुपालन उत्पादन एवं प्रबन्धन) डा. पी. पी. रोहिल्ला का वर्चुअल मीटिंग द्वारा स्वागत किया । डा. रोहिल्ला ने पशुपालन संबंधित 5 प्रशिक्षणों का सफलतापूर्वक आयोजन करने पर केविके को बधाई दी। उन्होने उपस्थित कृषक प्शुपालकों को दूध की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए डेयरी क्षेत्र में जागरूक होकर अधिकाधि मुनाफा लेने के लिए प्रेरित किया। । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डा. उपासना सिंह ने पशु-पालकों का वैज्ञानिक तरीके से पशुओं का आहार प्रबन्धन, टीकाकरण इत्यादि करके अपनी आय को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। जानकारी देते हेुए प्रोजेक्ट के प्रभारी केन्द्र के वैज्ञानिक एवं पशुपालन विशेषज्ञ डॉ. नवीन सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुना करने की योजना के तहत भाकृअनुप -अटारी, जोधपुर के दिशा-निर्देश में केन्द्र द्वारा श्रृखलांबद्ध क्रमानुसार 3-3 दिवसीय 5 प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जिसमें प्रत्येक कार्यक्रम में 40 प्रतिभागी रहे । इस प्रशिक्षण के दौरान गोकलगढ़ एवं खेड़ा स्थित डेयरी का संसर्ग भ्रमण भी रखा गया। जिन्हें प्रशिक्षण समाप्ति पर सार्टिफिकेट प्रदान किया गया। कोविड़ के मद्देनजर मास्क लगाना, प्रशिक्षण कैम्पस को साफ रखना एवं सैनेटाईजर इत्यादि का उचित प्रयोग किया गया। प्रशिक्षण के दौरान केन्द्र के कृषि प्रसार विशेषज्ञ डा. रमेश कुमार जी , डा. विक्रम धीरेन्द्र सिंह, विषय विशेषज्ञ पौध संरक्षक, डा. राजेन्द्र सिंह, कृषि विशेषज्ञ,श्री मती काजल, कार्यक्रम समन्वयक गृह विज्ञान , श्री धीरेन्द्र सिंह आर्या प्रोजेक्ट, सुश्री विशु , दामू प्रोजेक्ट, श्री प्रेम व राहुल एक्स सिटू प्रोजेक्ट एवं श्री गगन, फसल अवशेष प्रबन्धन प्रोजेक्ट, मास्टर प्रिन्स एवं पुष्पित गुप्ता भी उपस्थि