उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी पानसिंह परिहार नहीं रहे।
चमोली उत्तराखंड रिपोर्ट केशर सिंह नेगी थराली       उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी पानसिंह परिहार नहीं रहे। बुधवार को ह्रदयगति रूक जाने के कारण उनका निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। पैठाणी गांव निवासी पूर्व सैनिक व राज्य आंदोलनकारी पानसिंह परिहार वर्तमान समय में अपने ज्येष्ठ पुत्र के साथ कोटद्वार में प्रवास कर रहे थे।उनके कनिष्ठ पुत्र व पैठाणी के ग्राम प्रधान मृत्युंजय परिहार ने बताया कि बुधवार सुबह उन्हें ह्रदयाघात हुआ ।एम्स ऋषिकेश ले जाते वक्त उन्होंने हरिद्धार में दम तोड़ दिया। बृहस्पतिवार को उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक घाट में किया जाएगा। दिवंगत राज्य आंदोलनकारी पानसिंह परिहार ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने दिल्ली में पांच वर्ष तक पृथक राज्य की मांग को लेकर जंतर मंतर पर धरना दिया। मुजफ्फरनगर काण्ड को लेकर  दिल्ली में लालकिले पर हुए प्रर्दशन के दौरान उन्हें तिहाड़ जेल की यात्रा भी करनी पड़ी। प्रखर आंदोलनकारी के रूप में जनता की बीच पहचाने जाने वाले पानसिंह परिहार के निधन पर राज्य आंदोलनकारियों, क्षेत्र के प्रबुद्धजनों ने गहरा दुख जताया है। निवर्तमान विधायक मुन्नी देवी शाह पूर्व विधायक डॉ जीतराम भूपालराम टम्टा जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत जिला पंचायत देवी जोशी भारतीय रावत पूर्व प्रमुख सुशील रावत विनोद रावत इंद्र सिंह राणा महावीर रावत ब्लाक प्रमुख यशपाल नेगी, कविता नेगी दर्शन सिंह दानू आशा धपोला बबीता त्रिकोटी बबीता देवी गुड्डू लाल पीपी अध्यक्ष डॉ सुभाष पिमोली प्रेस क्लब थराली के अध्यक्ष विनोद चंदोला पीपीए के संरक्षक जयवीर मनराल

 बिजेंद्र रावत, गिरीश कण्डवाल, भगवती सती, देवेंद्र नेगी ने उनके देहांत पर दुख प्रकट करते हुए शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।