*पंडित दिन दयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि मनाई वार्ड 24, 25 के लोगों के साथ नेता प्रतिपक्ष संजय अग्रवाल**
भारत जिन समस्याओं का सामना कर रहा है उसका मूल कारण इसकी *राष्टीय पहचान** की उपेक्षा है। यह कहना था
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक के चिंतक और संगठन कर्ता रहे एवं भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे इनका जन्म 25 सितंबर 1916 में ब्रिटिश भारत में हुआ और मृत्यु 11 फरवरी 1968 हमारे भारत में हुई पंडित दीनदयाल जी एक विचारक भी थे वे अपनी समृद्धि संस्कृति के आधार से देश को बढ़ावा देने एवं विकास करना चाहते थे और अंग्रेजो के द्वारा छोड़ी गई अवधारणाओं को खत्म करना चाहते देश को आजादी मिलने के तुरंत बाद लोकतंत्र की स्थापना हुई लेकिन दीनदयाल जी भारत की गुलामी के इन वर्षों के बाद भारत के लिए चिंतित थे उन्होंने लोगों की सोच से लोकतंत्र केवल लोगों को गुलाम बनाने एवं शोषण करने के लिए नहीं है बल्कि मजदूरों की समस्याओं को दूर करने के लिए है वह अपनी समस्याएं लेकर सरकार के पास उनके निराकरण के लिए जा सकते हैं उनका कहना था कि किसी भी व्यक्ति को अपने दृष्टिकोण को सामने रखने का पूरा अधिकार है प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान किया जाना चाहिए और शासन में शामिल किया जाना चाहिए इस विचारधारा के चलते उन्होंने देश में लोकतंत्र की एक अलग परिभाषा को जन्म दिया इन्हीं उपदेशों के चलते भारत देश के सभी लोग उनके जीवन परिचय की कहानी बड़े गर्व के साथ जयंती एवं पुण्य तिथि मे हमेशा याद रख कर उन्हें याद करते हैं आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर नगर पालिका क्षेत्र के नेता प्रतिपक्ष संजय अग्रवाल, बंटी अग्रवाल ,छोटू भाई पवार,मालवीय जी, सुरेश साकरे,मोर्ले जी एवं वार्ड 24 शास्त्री नगर एवं वार्ड 25 शिवाजी नगर के लोगों ने मिलकर प्रसिद्ध श्री हनुमान जी मंदिर में महाकाल बाबा की शरण में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की प्रतिमा के सामने पुष्प अर्पित कर पुण्य तिथि के कार्यक्रम को संजोकर हर व्यक्ति के सम्मान की विचारधारा के साथ पुण्यतिथि मनाई गई
ब्यूरो बैतूल मनोज पवार