विवेकानंद जंयती पर विराट कवि सम्मेलन सम्पन्न
विवेकानंद जंयती पर विराट कवि सम्मेलन सम्पन्न
देर रात तक कवियों ने बांधा समां, श्रोता हुए भाव विभोर

     होशंगाबाद। स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर नर्मदा आव्हान सेवा समिति होशंगाबाद व्दारा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शिवशंकर जी विशिष्ट अतिथि डा. आषुतोष शर्मा, अर्चना पुरोहित महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष तथा डाँ.अतुल सेठा वरिष्ठ समाजसेवी की अध्यक्षता में अनूठा आयोजन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
    कवि सम्मेलन देर रात तक जारी रहा। देश के विभिन्न अंचलों से आए 12 युवा कवियों ने सैकड़ों श्रोताओं को अपनी कविता, गीत, गजल हास्य, व्यंग्य की रचनाओं से भाव विभोर कर दिया।
     मुख्यातिथि शिवशंकर ने कहा कियुवाओं के प्रेरणा श्रोता विवेकानंद जयंती पर शुभकामनाएं देते हुऐ कहा की ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं, वो हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हांथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।
 अध्यक्षता करते हुऐ डा.सेठा ने कहा की कवियों-लेखकों के माध्यम से हमारे देश में जागरूकता में तेजी आई है। श्रीमती पुरोहित ने कार्यक्रम संयोजक केप्टन करैया को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए। उन्होंने कवि सम्मेलन की सफलता की कामना की स्वागत भाषण कैप्टिन करैया ने दिया।
 अतिथि एवं कवियों का स्वागत केप्टिन करैया,निर्मला राय,हंस राय,दीपेश दुबे ने फूल-मालाओं से किया।मां सरस्वती की पूजा अर्चना से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।अतिथियों एंव समिति ने अंत 12 युवा कवियों का फूलमालाओ, स्मृति चिन्ह एंव युवा शब्द साधक सम्मान से सम्मानित किया।
      सरस्वती वंदन धनवाद से आई पावनी कुमारी की प्रस्तुति से सम्मेलन का प्रारंभ हुआ लखनऊ के विख्यात मिश्रा ने ऊंचाई प्रदान करते हुए अपनी रचना ‘‘सेना को करने दो जो भी करना चाहे घाटी में।माटी से जिसको नफरत हो उसे मिला दो माटी में ’’ प्रस्तुत की, जिसको श्रोताओं ने खूब सराहा। रायसेन से पधारे अतुल अलंकार ‘‘कभी घूर कर कभी प्यार से कुछ भी कहते हो।पापा तुम पलको पर मेरी प्रतिपल रहते हो’’ ने श्रोता की बहुत तालियां बटोरी। 
    कवि सम्मेलन का कुशल संचालन  कर रहे रीवा से आये असीम शुक्ला ने अपनी रचना में कहा की "सत्ता के नशे में हम कितने चूर हो गए।बड़े पद पाने को कितने मजबूर हो गए।नाम शोहरत और दौलत इन तीनो के पीछे इतने भागे कि दोस्त यारों को छोड़ो हम तो अपने माता पिता से ही दूर हो गए " बहुत सराहा गया। कानपुर के अभिनय सम्राट ने खूब वाहवाही लूटी। 
      सतना की अपूर्वा चतुर्वेदी ने ध्वज अबंर तक ध्वज अंबर तक पर भारत माता,वंदे मातरम् के खूब नारे लगे, रतलाम दर्शन लोहार की रचनाओं पर श्रोताओं ने खूब ताली बजाई,शिरिष अग्रवाल,पुरुषोतम गौर,पवन सराठे, पावनी कुमारी,समीक्षा तिवारी बीना,वैशाली तिवारी होशंगाबाद ने देर रात तक श्रोताओं को खूब गुदगुदाय एवं लोट पोट करते हुए बांधे रखा।कार्यक्रम का संचालन आरती शर्मा एंव आभार प्रर्दशन हंस राय ने दिया।