एम.एम. अस्पताल मुलाना के चिकित्सक ने नवाचार से ब्रोकोस्कोपी कर 23 दिन की नवजात को नया जन्म दिया
बराड़ा 4 जनवरी
महर्षि मारकंडेश्वर अस्पताल मुलाना के चेस्ट विभाग के छाती एवं श्वास धमनी संबंधी रोग विशेषज्ञ युवा चिकित्सक अजीत यादव ने मात्र 23 दिन की नवजात कन्या की ब्रोकोस्कोपी कर चिकित्सा जगत में एक नया मील पत्थर स्थापित किया है वही महरिशी मारकंडेश्वर अस्पताल मुलाना के गौरवमय इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा है।गत दिनों 29 वर्षीय कस्बा बराडा की रहने वाली रेखा रानी ने एम.एम .अस्पताल के प्रसूति कक्ष में समय से पूर्व दूसरी संतान के रूप में कन्या को जन्म दिया ।नवजात को सांस लेने में भारी दिक्कत आ रही थी ।आपातकाल में चिकित्सकों ने कुछ दिन तक कन्या को वेंटीलेटर पर रखने का निर्णय किया ।परंतु स्थिति में सुधार न होने तथा उत्तरोत्तर स्थिति गंभीर होते देख चिकित्सकों की चिंता बढ़ी ,तो मामला विभाग के युवा चिकित्सक अजीत यादव के संज्ञान में लाया गया ।ब्रोंकोस्कॉपी विशेषज्ञों के अनुसार यह प्रक्रिया केवल व्यस्क लोगों के उपचार में ही सफल सिद्ध होती है ।परंतु कन्या की आयु मात्र 23 दिन के तथा उसकी धमनी एवं शिराएं अत्यंत संवेदनशील की स्थिति में थी जिसके चलते ऐसी सफल सर्जरी प्राय संभव नहीं हो पाती । समस्या की गंभीरता को लेकर चिकित्सक किवकर्तव्य विमूढ की स्थिति में थे ,परंतु युवा चिकित्सक अजीत यादव ने मामले की गंभीरता के मद्देनजर नवाचार के बल पर असामान्य परिस्थितियों में ब्रोंकोस्कॉपी करने का कठिन तथा साहसिक निर्णय लिया। डॉ अजीत यादव ने ब्रोंकोस्कॉपी का सफल ऑपरेशन कर मात्र 23 दिन की नवजात को नया जन्म देकर चिकित्सा जगत में एक नया इतिहास रचने में सफलता पाई ।इस अभूतपूर्व घटना से जहां चिकित्सा जगत में एक नवाचार से ऐसी असंभव तथा कठिन सर्जरी का मार्ग प्रशस्त हुआ है वहीं यह नवाचार ऐसे गंभीर मरीजों के लिए भी एक नई आशा की किरण तथा वरदान सिद्ध होगा ।नवजात के अभिभावक तथा परिजन सर्जन चिकित्सक अजीत यादव के प्रति कृतज्ञता प्रकट कर रहे हैं ,वहीं चिकित्सा क्षेत्र में भी अजीत यादव के इस नवाचार तथा तत्कालिक विवेकशील निर्णय की भूरी- भूरी प्रशंसा की जा रही है।