तेजी से कुपोषण मुक्त होते जनजातीय बच्चे

 

तेजी से कुपोषण मुक्त होते जनजातीय बच्चे
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भोपाल | 
   परियोजना गोविन्दपुरा, सेक्टर आनन्द नगर-2 के आंगनबाड़ी केन्द्र सांकल में सहरिया  जनजाति की बालिका मान्या एवं कनिष्का अब कुपोषित से सुपोषित हुई हैं।
   जिला पंचायत, भोपाल के सहयोग से टेलीमेडिसिन कार्यक्रम एवं आयुष विभाग के सहयोग से प्रदाय महाभाष तेल एवं सुपुष्टि चूर्ण के नियमित सेवन से ढ़ाई वर्षीय बालिका मान्या जो अल्प कुपोषित थी और जिसका वजन 6.100 ग्राम एवं उचाई 67 से.मी.थी अब सामान्य श्रेणी में आकर स्वस्थ हो गयी एवं अब बालिका का वजन 7.200 ग्राम और उचाई 68 से.मी. हो गई है। उक्त बालिका का फॉलोअप टेलीमेडिसिन के माध्यम से शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ.राकेश भार्गव द्वारा किया जा रहा है।
   मान्या की छोटी बहन कनिष्का का जन्म 11 जून 2021 को हुआ था। जन्म के समय वजन 1.300 ग्राम था जो गंभीर कुपोषित SAM श्रेणी में थी, जिसे 4 माह में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती मोनिका जाटव एवं माँ फूलाबाई  टेलीमेडिसिन के शिशुरोग विशेषज्ञ के समेकित प्रयास से लगभग साढ़े 4 माह में ही सामान्य श्रेणी में आ गयी है। वर्तमान में कनिष्का का वजन 4.100 ग्राम और लंबाई 55 से.मी. है।