बुधनी के खिलौनों और कारीगरों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी पहचान- मुख्यमंत्री श्री चौहान

 

बुधनी के खिलौनों और कारीगरों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी पहचान- मुख्यमंत्री श्री चौहान
बुधनी बनेगा खिलौनों का कलस्टर बुधनी टॉय फेस्टिवल "खिलौनाकारी" का मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया वर्चुअल उद्घाटन


सीहोर
     मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी टॉय फेस्टिवल खिलौनाकारी का वर्चुअल उद्घाटन किया। यह फेस्टिवल 01 नवम्बर 14 नवम्बर चलेगा। इस अवसर पर बुधनी में आयोजित कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी  तथा सांसद श्री रमाकांत भार्गव ने भी संबोधित किया।
     उद्धाटन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बुधनी के खिलौनों की प्रसिद्धी को ध्यान में रखते हुए इसे आत्म निर्भर मध्यप्रदेश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वोकल फॉर लोकल की अवधारणा को साकार करने के लिए खिलौना उत्सव आयोजित किया गया है। बुधनी के खिलौनों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के यह मेला महत्वपूर्ण होगा। इस टॉय फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य बुधनी को देश में टॉय कलस्टर के रूप में विकसित करना है ताकि इस पारंपारिक कला का संरक्षण-संर्वधन के साथ ही कलाकारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर आत्मनिर्भर बनाना है।
     श्री चौहान ने कहा कि बुधनी में विगत कई वर्षों से काष्ठ शिल्पकार पीढ़ी दर पीढ़ी लकड़ी के खिलौने बनाते आ रहे हैं। अद्भुत काष्ठ कारीगरी, रंग, बनावट और आकर्षक आकार-प्रकार के कारण खिलौनों की देश में अलग पहचान है। टॉय फेस्टिवल खिलौनाकारी के माध्यम से स्थानीय शिल्पकारों को न केवल अपनी शिल्पकला को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। खिलौने विक्रय के लिए पर्याप्त प्रचार-प्रसार एवं ऑनलाइन शापिंग के लिए आवश्यक नेटवर्क/प्लेटफार्म तैयार कर के खिलौने विक्रय के लिए राष्ट्रीय अन्तराष्ट्रीय स्तर की खिलौना निर्माता कम्पनियों से सम्पर्क किया जाएगा।
   श्री चौहान ने कहा कि टॉय फेस्टिवल के माध्यम से खिलौना बनाने वाले क्षेत्रीय एवं आसपास के जिलों से आने वाले कलाकारों तथा प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से काष्ठ शिल्प के संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर विचार-विमर्श होगा। इससे शिल्पकारों की कल्पनाशीलता एवं नव सृजन का विस्तार होगा। बुधनी टॉय फेस्टिवल के आयोजन से देश-प्रदेश के खिलौना व्यवसायियों का ध्यान आकृष्ट होगा। जो इस पारंपरिक लकड़ी के खिलौनो के व्यवसाय को बढ़ाने में सहायक होगा।
     श्री चौहान ने कहा कि इस फेस्टिवल का उद्देश्य यह भी है कि लकड़ी के बने खिलौने होने के कारण बच्चों के लिए हानिकारक नहीं है। इसी प्रकार बांस, मिट्टी, मोम, कपड़े आदि सामग्री के उपयोग से खिलौना बनाने को बढ़ावा देना है, ताकि कलाकारों की माली हालत बेहतर करने के साथ ही विलुप्त हो रही कला को संरक्षित भी किया जा सके।
     मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि बुधनी में पारंपरिक रूप से लकड़ी के खिलौने बनाने वाले 280 शिल्पकार उनके परिवार निवासरत हैं। इन परिवारों में से 120 परिवार वन विभाग के द्वारा पंजीकृत किए गए हैं, जिन्हें दुधाई की लकड़ी व अन्य आवश्यक लकड़ी कम कीमत पर उपलब्ध कराई जाती हैं। खिलौना बनाने वाले प्रत्येक परिवार की आय 15,000 से 20,000 रूपए प्रति माह है। वर्तमान में भोपाल नागपुर हाईवे एनएच 69 पर 22 दुकानें खिलौनों  की हैं।
खिलौना व्यावसाय के विस्तार की कार्य योजना
     मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दस स्व-सहायता समूह का गठन किया जाकर एरिया लेवल फेडरेशन का पंजीयन किया जाना प्रस्तावित है। शासन के अन्य विभाग, जैसे उद्योग विभाग इंडो-जर्मन आदि से समन्वय किया जाकर खिलौने कलस्टर का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। संबंधित उत्पाद हेतु ई-मार्केटिंग प्लेटफार्म के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रयास किया जाना प्रस्तावित है।
कोरोना योद्धाओं का सम्मान
     बुधनी में आयोजित टॉय फेस्टिवल में कोविड-19 के नियंत्रण, कोविड मरीजों का उपचार तथा टीकाकरण में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले 285 अधिकारी कर्मचारियों को स्वास्थ्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी तथा सांसद श्री रमाकांत भार्गव सहित द्वारा सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इन कोरोना योद्धाओं के सेवा और समर्पण के कारण ही हम कोरोना पर नियंत्रण पाया है l
यह थे उपस्थित
     बुधनी में आयोजित खिलौनाकारी मेले के शुभारंभ अवसर पर श्री गुरु प्रसाद शर्मा,  श्री राजेंद्र सिंह राजपूत,  श्री रघुनाथ भाटी,  श्री रवि मालवीय,  श्री महेश उपाध्याय,  श्री राजेश पाल,  श्री प्रेमनारायण मीणा सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।