कल शाम चली आंधी से भारी नुकसान
कल शाम चली आंधी से भारी नुकसान

 इटारसी कल शाम आई तेज आंधी एवं बारिश से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया इटारसी तहसील के अंतर्गत तकरीबन 2 दर्जन से ज्यादा गांवों में भारी नुकसान हुआ है जिससे किसानों को आर्थिक एवं मानसिक रूप से नुकसान उठाना पड़ेगा । क्या हुआ नुकसान
तेज आंधी से खेतों में लगी धान की फसल जोकि पक चुकी थी वह गिर गयी एवं तेज बारिश से खेतों में जलभराव भी हो गया गिरी हुई फसलों के दाने काले पड़ जाएंगे एवं कटाई में भी किसानों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा अगर 1 सप्ताह तेज धूप भी निकल जाती है तब भी धान की कटाई में मिट्टी आएगी जिससे एफ ए क्यू के मापदंडों में वह धान फेल कर दी जावेगी । किसानों के अनुसार पिछले 5 वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष धान की फसल अच्छी लगी थी किंतु कटाई के वक्त ही भारी बारिश एवं आंधी से मेहनत पर पानी फिर गया अब किसानों को पुनः आजीविका चलाने हेतु मशक्कत करनी पड़ेगी ।इन गांवों में हुआ भारी नुकसान आंधी एवं तूफान से इटारसी तहसील के लगभग दो दर्जन से ज्यादा गांवों में भारी नुकसान हुआ है जिससे किसान व्यथित है क्षेत्र के रूपापुर गजपुर बिछुआ, रामपुर, दमदम,सनखेड़ा,जमानी,तीखड़,पाहनवर्री,खापा,घोघरी,कैंप,बटकुई,लोहारीया, कांदई,मरोड़ा,सोनतलाई,गुर्रा,चिल्लई,घाटली,चांदौन,सोमलबाड़ा,देहरी,जुझारपुर एवं अन्य गांवों में भारी नुकसान हुआ है ।
शीघ्रता से सर्वे कराकर राहत राशि प्रदान की जावे  भारतीय किसान संघ के जिला सहमंत्री एवं मीडिया प्रभारी रजत दुबे नें बताया कि इटारसी क्षेत्र के गांवों में आंधी एवं बारिश से धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है प्रशासन को शीघ्रता से टीम गठित कर प्रभावित गांवों में सर्वे कार्य करा कर आरबीसी 6-4 के अंतर्गत राहत राशि वितरित करनी चाहिए जिससे किसान को आर्थिक सहायता मिल सके । नुकसान की भरपाई करना तो मुश्किल होगा किंतु उनकी आजीविका चलाने हेतु राहत राशि महत्वपूर्ण होगी  । बीमा प्रीमियम काटा जाता है तो धान का बीमा भी प्रदान किया जावे भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष श्री राम दुबे ने बताया कि प्रतिवर्ष किसानों के खातों से धान फसल हेतु प्रीमियम काटा जाता है इटारसी तहसील के कई क्षेत्र धान अधिसूचित है बीमा कंपनी कुल हुए नुकसान का 20% कम आकलन करती है ऐसी स्थिति में किसान को बीमा से वंचित रहना पड़ता है प्रशासन 5 वर्षों का औसत उत्पादन निकाल कर एवं फसल कटाई प्रयोग करके शीघ्रता से किसानों को बीमा राशि दिलाने हेतु प्रयास करें जिससे किसान आर्थिक एवं मानसिक रूप से परेशान ना हो ।