किसान संतुलित पोषक तत्वों का उपयोग कर अधिक उत्पादन प्राप्त करें
किसान संतुलित पोषक तत्वों का उपयोग कर अधिक उत्पादन प्राप्त करें

होशंगाबाद 19 अक्टूबर,2021 रबी फसलों की बुवाई का कार्य शीघ्र प्रारंभ होने वाला है, ऐसी स्थिति में फसलों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने तथा भूमि की उपजाऊ शक्ति बनाये रखने के लिए फसलों में संतुलित पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। यह जानकारी देते हुए उप संचालक कृषि श्री जे आर हैडाऊ ने किसानों को समझाइश दी है कि फसलों को अपनी बढ़िया  उत्पादन के लिए 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिनमें से नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश की आवश्यकता फसलों को मुख्य रूप से होती है। इन मुख्य पोषक तत्वों का कम या अधिक मात्रा में प्रयोग करने से पैदावार तथा भूमि की उपजाऊ शक्ति दोनों पर ही विपरीत प्रभाव पड़ता है ।जिले में रबी मौसम की महत्वपूर्ण फसल गेहूँ है, जिसके लिए 120 किलोग्राम नत्रजन (N) 60 कि०ग्रा० फास्फोरस (P) तथा 40 किलोग्राम पोटेशियम (K) तथा चना फसल हेतु 20 कि.ग्रा. नाइट्रोजन 20 कि०ग्रा० फास्फोरस तथा 20 कि.ग्रा. पोटेशियम नामक पोषक तत्वों की वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसा की गई है। जिले के प्रति हैक्टर उर्वरक खपत पर नजर डालने पर पता चलता है कि जिले में पोटाश नामक पोषक तत्व की खपत मात्र 4 किलोग्राम प्रति हैक्टर है जो कि अनुशंसित मात्रा से बहुत कम है, पोटेशियम नाम पोषक तत्व के प्रयोग से जहाँ एक ओर पौधों को रोग व कीट व्याधि से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है वहीं पौधों में जड़ से लेकर पौधों के शीर्ष (ऊपरी भाग) तक पोषक तत्वों तथा जल का संचलन भी करता है। पोटाश के प्रयोग से दानों में चमक आती है तथा वजन भी बढ़ता है ।  प्रायः देखने में आया है कि जिले के अधिकांश किसान भाई पोटेशियम का प्रयोग फसलों में अलग से नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति में किसान भाई एन.पी.के. काम्प्लेक्स उर्वरक का प्रयोग कर नाइट्रोजन, फास्फोरस के साथ ही पोटेशियम की आपूर्ति भी फसलों में कर सकते हैं,  इस प्रकार एन.पी.के. उर्वरक का संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, वहीं डी०ए०पी०नामक उर्वरक से फसलों को केवल नाइट्रोजन तथा फास्फोरस नामक उर्वरक की ही आपूर्ति हो पाती है। जिले में लगभग 2900 मै0टन एन.पी.के. काम्प्लेक्स उर्वरक उपलब्ध है, किसान भाई इसका प्रयोग करते हुए फसलों को संतुलित पोषण प्रदाय करें।
          उर्वरकों की दक्षता को बढ़ाने के लिये किसान भाई जैव उर्वरकों का भी प्रयोग कर सकते हैं। गेहूं की फसल में नत्रजन स्थिरीकरण के लिए एजेक्टोवैक्टर 2 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर तथा चना फसल में राइजोबियम कलचर 450 से 500 ग्राम एवं उक्त दोनों फसलों में फास्फोरस की घुलनशीलता बढ़ाने के लिए पी.एस.बी. कलचर 4-5 किलोग्राम प्रति हैक्टर की दर से बायोमास में बुवाई के पूर्व खेत में छिड़ककर उपयोग करने की सलाह दी जाती है ।