धान के उठान व भुगतान की देरी से किसान, आढ़ती व मज़दूर परेशान।
धान के उठान व भुगतान की देरी से किसान, आढ़ती व मज़दूर परेशान।


ख़रीद आरंभ के 7 दिनों में ही पहुँचा 45 प्रतिशत धान।

बराड़ा,11 अक्तूबर(जयबीर राणा थंबड़)

      बराड़ा अनाज मंडी व सरदहेड़ी तथा उगाला विक्रय केंद्रों पर धान ख़रीद शुरू हुए एक सप्ताह बीत चुका है। ख़रीफ़ मौसम में धान की अगेती फसल जल्दी तैयार होने से गत वर्ष की तुलना में क़रीब 45 प्रतिशत 4,42000 किवंटल फसल प्रथम एक सप्ताह में ही मंडियों में पहुँच चुकी है। गत वर्ष ख़रीफ़ मौसम में कुल 9,79,000 किवंटल धान को सरकार की एजंसियों द्वारा ख़रीदा गया था।

 पिछले एक सप्ताह में ख़रीद एजंसियों द्वारा 3,03500 किवंटल धान की ख़रीद की जा चुकी है।जोकि गत वर्ष एक सप्ताह की 72 हज़ार किवंटल ख़रीद का क़रीब 45 फ़ीसदी अधिक है। जिस गति से धान मंडियों में पहुँची है उस गति से धान ख़रीद करने वाली एजंसियाँ धान का उठान नहीं कर पा रही हैं, जिसके चलते हालात ऐसे हैं कि बराड़ा अनाज मंडी व सरदहेड़ी तथा उगाला ख़रीद केंद्रों पर धान धान रखने की जगह नहीं बची है। मंडियों के परिसर व शेड धान की बोरियों से पूर्ण रूप से भर चुके हैं। बताया जा रहा है कि हेफड द्वारा राइस मिलर्स के एग्रीमेंट संबंधी दस्तावेज़ी प्रक्रिया में विलंब के चलते भी उठान बाधित हुआ है।


72 घंटे के अनुसार पैमेंट न मिलने से आढ़ती, किसान परेशान-

           सरकारी ख़रीद एजंसियों से धान ख़रीद के उपरांत मिलर्स द्वारा धान मिल में पहुँचने पर डाटा अपलोड करने के बाद भुगतान की प्रक्रिया आरंभ होती है। इस ऑनलाइन व आफलाइन लंबी प्रक्रिया से धान के भुगतान में देरी हो रही है।

ख़रीद के 72 में किसान को पैमेंट करने के दावे के अनुसार पेमेंट न मिलने से किसान को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ख़रीद आरंभ होने के 7  दिन बाद भी भुगतान न होने से आढ़ती, किसान व मज़दूर सभी आर्थिक तंगी के शिकार हो रहे हैं। किसान हुक्म सिंह, रणजीत सिंह, देशराज, जयपाल, हरीचंद, जयबीर,  सुखज़िंदर सिंह व सुखविंदर आदि का कहना है कि भुगतान नहीं मिलने से वो आढ़ती के कर्ज़ व ब्याज चुकाने में असमर्थ हैं तथा रबी मौसम के लिए खेत की जुताई, बिजाई, बीज व खाद आदि के लिए असमर्थ हैं । जिससे अगली फ़सल की तैयारी नहीं हो पा रही हैं। सरकार हर साल निर्धारित अवधि में सामयिक भुगतान की घोषणा कर कृषक हितैषी व वाहवाही लूटने का नाटक करती है परंतु हर बार किसान सरकारी तंत्र के छल का शिकार बनते हैं।


25 से बढ़कर 28 किवंटल प्रति एकड़ होगी सरकारी ख़रीदः-  जसवीर सिंह।

         बराड़ा मंडी सचिव जसवीर सिंह ने बताया कि मौसम के अनुकूल प्रभाव के चलते इस बार किसानों की फसल की पैदावार बढ़ने का अनुमान है। वहीं किसान भी प्रति एकड़ धान की ख़रीद को बढ़ाने की माँग कर रहे थे जिसके चलते सरकार ने ख़रीद 25 एकड़ प्रति किवंटल से बढ़ाकर 28 किवंटल प्रति एकड़ कर दी है। वहीं मंडी से धान के उठान व किसानों को फसल के भुगतान को सुँचारु किए जाने संबंधी आवश्यक पग उठाए जा रहे हैं।