जनसेवा कंपनी ने लूट लिए करोड़ों रुपए गरीबों से कंपनी नादरत
 जनसेवा कंपनी ने लूट लिए करोड़ों रुपए गरीबों से कंपनी नादरत
 कंपनी जनसेवा मल्टी स्टेट मल्टी परपज कोऑपरेटिव कंपनी जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर यू 265 923 एमएच 2015 पीएलसी 2698 28 है समाजसेवी कृष्णा मसकोले जी का यह कहना है उनके पास  एक पासबुक भी हमें उन्होंने दिखाई जिसमे  ₹18500 की राशि का चैक गत 10/ 9/ 2020 का दिखाया यहां के ग्रामीणों के साथ मसकोले ने बताया कि हजारों लोगों से इस कंपनी ने ज्यादा से ज्यादा मुनाफा दिलाने की लालच देकर करोड़ों रुपया जमा कर यह कंपनी रफू चक्कर हो चुकी है ग्रामीणों के कहे अनुसार घोड़ाडोंगरी क्षेत्र के आसपास के सभी ग्रामीणों के  लगभग 30000000 रुपया का गबन इस कंपनी ने करके गायब हो चुकी है और ग्रामीण अपनी पाई पाई से जो बचत कर इस कंपनी में पैसा लगाया था वह विचारे  बिलखते नजर आए इस में काम करने वाले कुछ एजेंट लोग से बार-बार ग्रामीणों ने पूछा की कब तक हमको हमारे पैसे मिल जायेंगे ये कंपनी हमारा पैसा कब देगी वह आगे बात धकेल कर बताते हैं कि आगे कोई फोन नहीं उठा रहा है या कंपनी का जो मेन ब्रांच है वह बंद करके चले गए हैं अब हमारे पास में पैसा नहीं है हम कहां से देंगे जब कंपनी के एजेंट ही ऐसी बात करने लगे तो भला इन गरीबों का पैसा कैसे प्राप्त होगा देखने में यह आया है कि भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का ग्रामीणों को भी चेक दिया गया है मगर खाते में पैसे नहीं होने पर बैंक पैसा नहीं दे रही है इन गरीब लोगों को चेक तो भरकर सिल साइन के साथ में बांटा गया है क्या हमारी स्टेट बैंक के पास एस जनसेवा कंपनी का कोई लेखा-जोखा भी  नहीं है वह आज तक पता नहीं चल पाया है बस गरीब लोगों के खून पसीने की कमाई घोड़ाडोंगरी क्षेत्र के ग्रामीणों की पानी के साथ में धूमिल होती हुई दिख रही है ग्रामीणों के साथ समाजसेवी कृष्णा मसकोले सरकार से गुहार लगाकर 
 न्यूज़  ए सी पी  संवाददाता के जरिए आला अफसरों और माननीय पदाधिकारियों के कान में ग्रामीणों के साथ में हुए अत्याचार और धोखाधड़ी का मामला उजागर किया है ग्रामीणों का मामला है कि अगर कार्रवाई आला अधिकारियों के जरिए होती है तो हम गरीब लोगों पर हमारी सरकार हमारे पर बहुत बड़ा एहसान करेगी अब तक इनकी कोई सुनवाई के लिए आगे नहीं आया है देखना यह है कि इतने सारे ग्रामीणों से लूटकर भागने वाली कंपनी जनसेवा मल्टी स्टेट मल्टी परपज कोऑपरेटिव कंपनी से इन गरीब ग्रामीणों को पैसे वापस कौन दिलवा पाता है
घोड़ाडोंगरी रिपोर्टर मनोज पवार