धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में 22 अक्टूबर से होगा लक्षचंडी महायज्ञ, तैयारियां जोरों पर: श्री हरिओम जी महाराज
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में 22 अक्टूबर से होगा लक्षचंडी महायज्ञ, तैयारियां जोरों पर: श्री हरिओम जी महाराज

 हरियाणा(जयबीर राणा थंबड़)धर्मनगरी के थीम पार्क में जनकल्याण को लेकर 11 दिवसीय लक्षचंडी महायज्ञ 22 अक्टूबर से शुरू होगा। इस महायज्ञ में 501 कुंड बनाए जाएंगे, जिनमें एक हजार से अधिक ब्राह्मण यज्ञ करेंगे।)
गुरुग्राम: मां मोक्षदायनी गंगा धाम ट्रस्ट व यज्ञ सम्राट श्री श्री 1008  हरिओम जी महाराज  के द्वारा परशुराम वाटिका में भव्य  महाआरती करवाई गई , जिसमें गुड़गांव के सैकड़ों भक्तों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। श्री महाराज ने कहा कि यदि आप हिंदू हैं तो इस यज्ञ में अवश्य सम्मिलित हों। इस महायज्ञ की बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार करे। जिला गुड़गांव के आसपास के जिलों के सभी भक्तों से भी अपील की है कि इसमें तन मन धन से जुड़े। और कोई भी भक्त छूट ना जाए। हमें विश्व कल्याण के लिए सबको साथ लेकर पर्यावरण को शुद्ध करना है। इसलिए सब की आहुति किसी न किसी रूप में देने के लिए कुरुक्षेत्र पहुंचे। जो भी गुरुग्राम और गुरुग्राम के आसपास साथी सहयोग करना चाहते हैं । वह गुरुग्राम परशुराम वाटिका के उपाध्यक्ष रंजन शर्मा से संपर्क करें।
गुरुग्राम परशुराम वाटिका आगमन पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए श्री श्री 1008 हरि ओम जी महाराज ने कहा कि लोग यज्ञ की परंपरा को अब भूल रहे हैं। इस महायज्ञ को करने का यही उद्देश्य है कि लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं को याद रखें। यज्ञ पर्यावरण और शुद्ध करने के साथ-साथ हमारे तन व मन की भी शुद्धि करता है। उन्होंने कहा कि एक सर्वे हुआ जिसमें पाया गया कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा यज्ञ हरियाणा में हुए। उन्होंने कहा कि 22 अक्टूबर से एक नवंबर तक थीम पार्क में लक्षचंडी यज्ञ होगा। सुबह आठ से दोपहर 12 बजे तक यज्ञ होगा, इसके बाद दोपहर दो से सायं पांच बजे तक हरि चर्चा होगी और सायं को सात बजे महाआरती होगी। 
 हरि ओम महाराज ने बताया कि पांच स्थल पर यज्ञ अनंत फलकारी हैं। इनमें से ब्रह्मा जी द्वारा बनाई गई उत्तर वेदी को सर्वोत्तम यज्ञ के लिए माना गया है। कहीं पर थल, कहीं पर स्थल तो कहीं के जल में मुक्ति होती है। मगर कुरुक्षेत्र के जल, थल और अंतरिक्ष तीनों ही जगहों में मुक्ति का मार्ग है। उन्होंने कहा कि जिस परंपरा को हम भूलते जा रहे हैं युवाओं को उन्हें याद दिलाने की जरूरत है। सनातन धर्म की हर चीज पर ध्यान देने की जरूरत है। और साथ में कहा कि इससे पहले यह महायज्ञ त्रेता युग में दशरथ ने किया था। इसके बाद इस तरह के जितने भी यज्ञ हुए वह सफल नहीं हुए या हुए ही नहीं। उन्होंने कहा कि यह यज्ञ सर्वसमाज और सनातन धर्म को बचाने और बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के नगर व गांवों में हररोज प्रचार माध्यमों से यज्ञ में शामिल होने के लिए भक्तों का उत्साह बढ़ाया जा रहा है। इस महायज्ञ का आरंभ 22 अक्टूबर से होगा और एक नवंबर तक चलेगा। थीम पार्क में महायज्ञ की तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि भगवान ब्रह्मा के मन में सृष्टि की रचना का विचार आया तो उन्होंने सर्वप्रथम यज्ञ किया, तब सृष्टि का आरंभ हुआ। उन्होंने बताया कि महायज्ञ में पुण्य करने से फल कई गुना बढ़ जाता है। गुरुग्राम की परशुराम वाटिका में हरि ओम महाराज ने भव्य महाआरती करवाई जिसमें गुड़गांव के सैकड़ों भक्तों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। जिस में आए हुए लोगराम निवास वत्स, रंजन शर्मा, भागीरथ भारद्वाज ,डी पी शर्मा ,बीएम कौशिक, राजकिशन कौशिक ,अनिल अत्री राजेश दुआ, योगेश, रमाकांत उपाध्याय, धर्मदेव ,जतिन शर्मा ,सुरेंद्र भारद्वाज ,राकेश सरीन,रूपेंद्र अग्रवाल, श्रवण कुमार, लक्ष्मी नारायण शर्मा, रणधीर राजा, राकेश कुमार ,रंजन कुमार सिंह, ओमेंद्र द्विवेदी, मनीष सिंह, मनोज अग्रवाल,भाजपा प्रदेश संयोजक विजेता मलिक, नूतन शर्मा, पूनम अग्रवाल,अम्बिका प्रसाद, नवीन शर्मा, हितेश शर्मा, काव्या शर्मा, हिमांशु सरीन, योगेंद्र शर्मा आदि लोग उपस्थित रहे।